UCC पर PM Modi के बयान पर तेज हुई राजनीति, कांग्रेस ने कहा- चुनाव सामने हैं इसलिए बनाया जा रहा मुद्दा

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आज मध्य प्रदेश में बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता को लेकर बड़ी बात कही। मोदी ने कहा कि विपक्ष सियासी फायदे के लिए इसका इस्तेमाल कर रहा है। मोदी के इस बयान के बाद से अब राजनीति शुरू हो गई है। विपक्षी दल साफ तौर पर कह रहे हैं कि केंद्र सरकार की ओर से कुछ भी नहीं किया गया है। इसलिए चुनाव सामने आते ही समान नागरिक संहिता को बड़ा मुद्दा बनाया जा रहा है। हालांकि, भाजपा साफ तौर पर कह रही है कि समान नागरिक संहिता इस देश में लागू होनी चाहिए। 
 

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किसने क्या कहा

भोपाल में तीन तलाक और (समान नागरिक संहिता) यूसीसी पर पीएम मोदी के बयान पर कांग्रेस के तारिक अनवर ने कहा कि कोई भी कानून बनता है तो वह सबके लिए होता है और उसे उसका पालन करना ही पड़ता है। तो फिर उस बिल पर चर्चा करने की क्या जरूरत है जो पहले ही पारित हो चुका है? उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि चुनाव सामने हैं और उन्होंने देश के लिए कुछ नहीं किया है। 
डीएमके नेता टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि समान नागरिक संहिता सबसे पहले हिन्दू धर्म में लायी जानी चाहिए। एससी/एसटी सहित प्रत्येक व्यक्ति को देश के किसी भी मंदिर में पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। हम यूसीसी नहीं चाहते क्योंकि संविधान ने हर धर्म को सुरक्षा दी है।
UCC पर PM मोदी की टिप्पणी पर बिहार सरकार में मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गठित विधि आयोग ने विचार कर जो रिपोर्ट दी उसमें उन्होंने समान नागरिक संहिता को सही नहीं बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस देश में इसकी आवश्यक्ता नहीं है। 
कांग्रेस नेता और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी सदस्य आरिफ मसूद ने कहा कि प्रधानमंत्री को याद रखना चाहिए कि उन्होंने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान की शपथ ली है। देश के सभी वर्गों को संविधान पर भरोसा है और वे इसे बदलने नहीं देंगे। 
 
JDU नेता केसी त्यागी ने कहा कि यह(समान नागरिक संहिता) एक ऐसा विषय है जिसपर सभी राजनीतिक दलों को, सभी हितधारकों को बात करनी चाहिए…भाजपा सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करती है जिससे धार्मिक ध्रुवीकरण हो।  

PM ने क्या कहा था

मोदी ने कहा कि समान नागरिक संहिता (UCC) के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है। देश दो कानूनों पर कैसे चल सकता है? भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है…सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कहा है कि समान नागरिक संहिता(UCC) लाओ लेकिन ये वोट बैंक के भूखे लोग हैं। उन्होंने कहा कि जो भी तीन तलाक के पक्ष में बात करते हैं ये लोग मुस्लिम बेटियां के साथ बहुत बड़ा अन्याय कर रहे हैं। तीन तलाक से सिर्फ बेटियों को नुकसान नहीं होता है बल्कि इससे पूरा परिवार तबाह हो जाता है। मैं समझता हूं कि मुसलमान बेटियों पर तीन तलाक का फंदा लटका कर कुछ लोग उन पर हमेशा अत्याचार करने की खुली छूट चाहते हैं। 
 

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भाजपा ने क्या कहा

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि समान नागरिक संहिता देश में आना चाहिए। समान नागरिक संहिता महिलाओं से जुड़ा हुआ सवाल है इसलिए इसके लिए जो भी करना होगा भारत सरकार वह करेगी। केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष रूप से कहा कि संविधान यह निर्धारित करता है और अदालतें एक तरह से कह रही हैं कि यह(समान नागरिक संहिता) लागू किया जाना चाहिए। 



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