उपराज्यपाल और आप सरकार के बीच संघर्ष के एक और दौर में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जानकारी के मुताबिक सीएम के आवास के ‘पुनर्निर्माण’ में कथित अनियमितताओं की विशेष ऑडिट करने के लिए सीएजी जांच का आदेश दिया गया है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कार्यालय के अधिकारियों ने कहा कि गृह मंत्रालय ने 24 मई को प्राप्त एक पत्र पर ध्यान देने के बाद विशेष सीएजी ऑडिट की सिफारिश की थी। उन्होंने दावा किया कि पत्र एलजी कार्यालय से प्राप्त हुआ था और इसमें मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के “पुनर्निर्माण” में “घोर और प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितताओं” की ओर इशारा किया गया था।
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44.78 करोड़ रुपये का खर्च
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के नवीनीकरण पर 44.78 करोड़ रुपये खर्च होने की खबरों के बाद उपराज्यपाल ने पिछले महीने मुख्य सचिव नरेश कुमार को 15 दिनों के भीतर सभी प्रासंगिक रिकॉर्ड सुरक्षित करने और उनकी जांच करने का निर्देश दिया था। एलजी कार्यालय ने 27 अप्रैल को लिखे एक पत्र में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा सिविल लाइन्स स्थित नंबर 6 फ्लैग स्टाफ हाउस के नवीनीकरण में कथित अनियमितताओं की जांच की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
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राजनीति जारी
केजरीवाल के आधिकारिक बंगले के नवीनीकरण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच राजनीतिक बहस छिड़ गई है। बीजेपी ने केजरीवाल पर खुद को एक आम आदमी के रूप में पेश करते हुए शानो-शौकत से रहने का आरोप लगाया, जबकि AAP का तर्क है कि आवास की उम्र और संरचनात्मक मुद्दों के कारण नवीनीकरण आवश्यक था। आप ने कहा कि छत गिरने की कई घटनाओं के बाद पीडब्ल्यूडी ने बंगले के पुनर्निर्माण की सिफारिश की। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर होने वाले खर्च को लेकर चौंकाने वाले दावे किए हैं। माकन ने आरोप लगाया कि खर्च की गई वास्तविक राशि 45 करोड़ रुपये नहीं बल्कि 171 करोड़ रुपये थी।