हफ्ते में 4 दिन काम, 3 दिन आराम वाला दुनिया का सबसे बड़ा ट्रायल खत्म, चौंकाने वाले नतीजें, भारत में लागू हुआ ऐसा नियम तो..

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यूनाइटेड किंगडम में चार दिवसीय कार्यसप्ताह का दुनिया का सबसे बड़ा परीक्षण एक साल पहले संपन्न हुआ। जिसके परिणाम आश्चर्यजनक हैं। रिसर्च के अनुसार, जिन व्यवसायों ने अपने कर्मचारियों को इसके तहत काम करने की अनुमति देने में हिस्सा लिया, उनमें से अधिकांश ने फोर डे वर्किंग नीति को परमानेंट कर दिया। ऐसा प्रतीत होता है कि कर्मचारी कम तनाव, अधिक नौकरी की खुशी और कंपनी के लिए बेहतर राजस्व द्वारा परिभाषित एक नए कार्यस्थल स्वर्ग में प्रवेश कर चुके हैं।

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ब्रिटेन की इन 70 कंपनियों में चार दिन का वर्क वीक चलाया। जिसमें ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों के साथ-साथ अमेरिका के बोस्टन कॉलेज के विशेषज्ञ भी शामिल हुए। इस दौरान कर्मचारियों ने हफ्ते में 4 दिन या 32 घंटे काम किया।  ब्रिटेन में बैंकों, मार्केंटिंग, हेल्थ केयर, वित्तीय सेवाओं, रिटेल, हॉस्पिटैलिटी और अन्य इंडस्ट्री के 3,300 से अधिक कर्मचारी पायलट में हिस्सा लिया। परीक्षण आयोजकों में से एक द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें शामिल कम से कम 54 (89 प्रतिशत) कंपनियां एक साल बाद भी नीति का उपयोग कर रही हैं। 31 (51 प्रतिशत) ने बदलाव को स्थायी बना दिया है। जिन शोधकर्ताओं ने पेपर तैयार किया, उन्हें दो कंपनियों से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इस रिसर्च में यह स्पष्ट हो गया है कि फोर डे वर्किंग कोई कपोर कल्पना नहीं बल्कि यूनाइटेड किंगडम की कंपनियां सफलतापूर्वक इसे लागू करने में भी लगी है।  

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वर्कर्स पर पॉजिटिव इंपैक्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, कम कार्य सप्ताह से श्रमिकों और उनके नियोक्ताओं को काफी फायदा हुआ है।कर्मचारियों ने परीक्षण के बाद शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार, काम से संबंधित थकान में कमी, बेहतर कार्य-जीवन संतुलन और समग्र जीवन संतुष्टि में वृद्धि हुई और गौर करने वाली बात है कि ये लाभ एक साल बाद भी जारी रहे। बोस्टन कॉलेज में समाजशास्त्र के प्रोफेसर जूलियट शोर का कहना है कि मुख्य बात यह है कि छह महीनों में इतना इंपैक्टफुल रिजल्ट अल्पकालिक प्रभावों के कारण नहीं हैं। इन प्रभावों का असर वास्तविक और लंबे समय तक रहने वाले हैं। 82 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि इसका कर्मचारियों की भलाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और 32 प्रतिशत ने माना है कि इससे नौकरी की भर्ती में सुधार हुआ है। 46 प्रतिशत ने संकेत दिया कि वर्किंग कंडीशन और प्रोडक्टिविटी में सुधार हुआ है।

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भारत में लागू हुआ ऐसा नियम तो…
आपको बता दें कि जिन देशों में 4 दिन काम और 3 दिन वीक ऑफ की पॉलिसी है, उन देशों के ग्रुप को फोर डे वर्क कल्ब कहा जाता है। इस फेहरिस्त में 7 देश शामिल हैं- न्यूजीलैंड, जापान, स्कॉटलैंड, स्पेन, बेल्जियम, आयरलैंड और आइसलैंड हैं। पोर्ट्स के अनुसार अगर भारत में ये व्यवस्था लागू होती है तो यहां एक हफ्ते में काम के लिए 48 घंटे पूरे करने होंगे। यानी हर दिन 12 घंटे। यदि चार दिन का नियम लागू होता है, तो कर्मचारी एक दिन में 12 घंटे के हिसाब से काम करके तीन दिन छुट्टी ले सकेंगे।



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