Prabhasakshi NewsRoom: Haldwani Violence को लेकर अफवाहें फैलाने में जुटा Pakistan, चुनावी धांधली से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा दुष्प्रचार

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पाकिस्तान में गृह युद्ध जैसी स्थिति को कैसे संभाला जाये इसकी चिंता करने की बजाय वहां भारत विरोधी एजेंडा को आगे बढ़ाया जा रहा है। उत्तराखंड के हलद्वानी में जो हिंसा हुई उसके बारे में पाकिस्तानी हुक्मरानों ने अपने देश के मीडिया से दुष्प्रचार अभियान छिड़वाया है ताकि पाकिस्तान में चुनाव परिणामों में हो रही धांधली की तरफ से जनता का ध्यान भटकाया जा सके। उत्तराखंड में माहौल बिगाड़ने वालों और पुलिस कर्मियों को आग में जिंदा झोंकने का प्रयास करने वालों के समर्थन में खड़े होते हुए पाकिस्तानी मीडिया लिख रहा है कि एक दशक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद से हिंदू राष्ट्रवादी समूहों को मुस्लिम धार्मिक संरचनाओं के खिलाफ अभियान चलाने का साहस मिला है।
पाकिस्तानी मीडिया लोगों को गुमराह करते हुए लिख रहा है कि सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई झड़पों के फुटेज में हिंदुओं को मुस्लिम विरोधी नारे लगाते और भीड़ पर पत्थर फेंकते हुए दिखाया गया है। जबकि हकीकत यह है कि हुआ इसका उलटा था। जो पुलिसकर्मी और पत्रकार अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं जरा उनसे जाकर बात करिये तो वह बताएंगे कि कैसे वह अपने जिंदा बचने की आस ही छोड़ चुके थे क्योंकि उपद्रवियों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया था। लेकिन पाकिस्तान को तो झूठ फैलाना है और अपने भारत विरोधी एजेंडा को आगे बढ़ाना है इसलिए वह हलद्वानी की घटना को दूसरा ही रंग दे रहा है।

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यहां यह सभी को समझने की जरूरत है कि हलद्वानी में निगम का दस्ता अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाने किसी सरकार के आदेश पर नहीं बल्कि अदालत के आदेश पर गया था, लेकिन पाकिस्तान इसे मोदी सरकार और हिंदुओं की साजिश बता रहा है। पाकिस्तानी समाचार पत्र डॉन लिखता है कि 2014 में मोदी के सत्ता संभालने के बाद से भारत के कानून में हिंदू सर्वोच्चता को स्थापित करने की मांग तेजी से बढ़ी है, जिससे भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यक अपने भविष्य के बारे में चिंतित हो गए हैं। देखा जाये तो पाकिस्तान के इस दावे पर सिर्फ हंसा ही जा सकता है क्योंकि खुद इस्लामिक देश पाकिस्तान अपने देश के अल्पसंख्यकों पर तमाम तरह के अत्याचार करता है लेकिन वह भारत में शांति और खुशहाली से रह रहे अल्पसंख्यकों के बारे में भ्रम फैला रहा है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का जबरन धर्मांतरण कराया जताा है, उन्हें अपने त्योहार मनाने नहीं दिया जाता है, उनकी संपत्ति छीन ली जाती है, अक्सर मंदिरों में तोड़फोड़ या देव प्रतिमाओं को क्षति पहुँचाने की खबरें आती हैं, पाकिस्तान में दिवाली के दिन लोगों को दीया नहीं जलाने दिया जाता, होली के दिन रंग लगाकर बाहर नहीं जा सकते, कई बड़ा धार्मिक पर्व हो तो मंदिर तक जाने वाले रास्ते बंद कर दिये जाते हैं, अक्सर हिंदुओं की लड़कियों का जबरन धर्मांतरण करवा कर उनका अधेड़ों के साथ निकाह करवा दिया जाता है, जिसके चलते वहां अब अल्पसंख्यक नाममात्र के रह गये हैं जबकि भारत में मुस्लिमों की संख्या अब पाकिस्तान की कुल जनसंख्या से ज्यादा हो गयी है। यही नहीं, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले बुरे बर्ताव के चलते ही भारत को सीएए जैसा कानून बनाना पड़ा ताकि धर्म के आधार पर जिन लोगों के साथ वहां अन्याय हो रहा है यदि वह भारत आते हैं तो उन्हें नागरिकता देकर उनका जीवन सुधारा जा सके।
देखा जाये तो पाकिस्तान इस समय तमाम दुश्वारियों को झेल रहा है लेकिन उसकी चिंता छोड़ वह भारत के खिलाफ जहर उगलने और भ्रम फैलाने का खेल खेल रहा है। पाकिस्तानी मीडिया हलद्वानी की घटना के बारे में लिखते हुए यह भी दावा कर रहा है कि यह हिंसा विशेष रूप से ऐसे संवेदनशील समय पर हुई, जब हिंदूवादी कार्यकर्ताओं ने कई प्रमुख मस्जिदों को हिंदू मंदिरों में बदलने के लिए एक लंबा अभियान चलाया हुआ है। पाकिस्तानी मीडिया यह भी कह रहा है कि मोदी ने पिछले महीने अयोध्या में एक भव्य नए मंदिर का उद्घाटन किया, जो हिंदू कट्टरपंथियों द्वारा नष्ट की गयी सदियों पुरानी मस्जिद की जगह पर बनाया गया है। पाकिस्तानी मीडिया इसके साथ ही उत्तराखंड के समान नागरिक संहिता विधेयक के बारे में भी भ्रम फैला रहा है और साथ ही दावा कर रहा है कि पूरे भारत में मुस्लिम समूहों ने नए कानून पर आपत्ति जताई है और कहा है कि यह उनकी धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
बहरहाल, पाकिस्तान तो भ्रम फैला ही रहा है साथ ही हमारे यहां के कुछ भड़काऊ बयान देने के लिए प्रसिद्ध कथित धार्मिक उपदेशक भी माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। सरकार को इन सभी पर नजर बनाये रखनी चाहिए। जहां तक हल्द्वानी के ताजा हालात की बात है तो आपको बता दें कि उत्तराखंड पुलिस के एडीजी कानून एवं व्यवस्था अंशुमान ने कहा, “हल्द्वानी में हालात बिल्कुल सामान्य हैं। बाहरी क्षेत्रों से कर्फ्यू हटा दिया गया है। केवल बनभूलपुरा क्षेत्र में कर्फ्यू जारी है।” उन्होंने कहा है कि पूरे प्रकरण में 3 FIR दर्ज़ की गई है जिसमें 16 लोगों को नामजद किया गया है बाकी अज्ञात हैं। उन्होंने बताया कि 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस लगातार दबिश दे रही है। शीघ्र ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि CCTV की जांच की जा रही है। घटना में अभी तक 5 की मृत्यु हो गई है। 3 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। कई पुलिसकर्मी घायल हैं….केंद्रीय सुरक्षा बल भी यहां तैनात हैं, PAC भी लगाई गई है।”



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