भाजपा के राज में शहरों, रेलवे स्टेशनों और अन्य स्थलों के नाम बदलना शुरू हुआ क्योंकि भाजपा का कहना है कि औपनिवेशिकता की हर निशानी को मिटाया जाना चाहिए और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और पहचान को वरीयता दी जानी चाहिए। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का नाम लखनपुरी या लक्ष्मणपुरी करने का आग्रह किया है। भाजपा सांसद ने दावा किया है कि भगवान श्रीराम ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण को लक्ष्मणपुरी भेंट की थी।
प्रतापगढ़ सांसद संगम लाल गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जो पत्र भेजा है उसे उन्होंने टि्वटर पर भी साझा किया है। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि लखनऊ जिसे स्थानीय मान्यता के अनुसार त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने बतौर अयोध्या नरेश श्री लक्ष्मण जी को भेंट दिया था और उसी कारण उसका नाम लखनपुर और लक्ष्मणपुर रखा गया था किंतु कालांतर में 18वीं सदी में नवाब आसफुद्दौला ने उसका नाम परिवर्तित कर लखनऊ रख दिया था और उसी परंपरा में लखनऊ चला रहा है।
उन्होंने कहा है कि यह उल्लेखनीय है कि शानदार सांस्कृतिक विरासत के समृद्ध देश में आज हमारी भावी पीढ़ी को अमृत कालखंड में भी लखनऊ के नवाबों की विलासिता और निकम्मेपन की कहानियां सुनाकर उन्हें गुलामी का संकेत देना बिल्कुल ही अनुचित प्रतीत होता है। सांसद महोदय ने अपने पत्र में लिखा है कि निकम्मेपन और विलासिता पूर्ण जीवन शैली के कारण ही लॉर्ड डलहोजी ने अवध का अधिग्रहण कर ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया था और नवाब वाजिद अली शाह ने ब्रिटिया अधीनता स्वीकार कर ली थी। उन्होंने कहा है कि जब देश अमृत कालखंड में प्रवेश कर चुका है तो गुलामी और विलासिता के प्रतीक लखनऊ के नाम को परिवर्तित कर भारत के शानदार सांस्कृतिक विरासत, गौरव, समृद्धि मर्यादा तथा पौरुष के प्रतीक लखनपुर या लक्ष्मणपुर नाम से कराए जाने की कृपा करें।
हम आपको बता दें कि सांसद के इस पत्र को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। हालांकि विपक्ष ने सांसद संगम लाल गुप्ता के इस पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यदि नाम बदलने से ही हर शहर की तस्वीर और तकदीर बदल जाती है तो सभी के नाम बदल देने चाहिए। उधर, सांसद ने अपने पत्र पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि मैंने कोई अनुचित मांग नहीं की है और वही कहा है जो सही है।