Kuno National Park से आई फिर बुरी खबर, दो और चीता शावकों की मौत, अब तक 3 शावकों की गई जान

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चीता ज्वाला के पहले शावक की मौत के ठीक दो दिन बाद उसके दूसरे शावक की भी कूनो नेशनल पार्क में मौत हो गई। चीता ज्वाला के चार शावक थे। चीता ज्वाला, जिसे पहले सियाया के नाम से जाना जाता था, सितंबर 2022 में नामीबिया से श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में लाया गया था। उसने इस साल मार्च के अंतिम सप्ताह में चार शावकों को जन्म दिया। इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते केएनपी पहुंचे। प्रारंभिक जांच में इन शावकों की मौत का कारण कमजोरी और गर्मी को बताया जा रहा है। पिछले दो महीने के भीतर अब तक छह चीतों की मौत हो चुकी है। नामीबियाई चीतों में से एक साशा ने 27 मार्च को गुर्दे से संबंधित बीमारी के कारण दम तोड़ दिया, जबकि दक्षिण अफ्रीका के एक अन्य चीता उदय की 13 अप्रैल को मृत्यु हो गई। 
 

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इसके अलावा 9 मई को मादा चीता दक्षा की मौत हुई थी वहीं, 23 मई को ज्वाला के एक शावक और 25 मई को ज्वाला के दो और शावकों की मौत हुई। निगरानी टीम ने उस स्थान पर हांफते हुए शावकों की खोज की जहां उन्हें पहले देखा गया था, जबकि एक शावक को मां के साथ घूमते देखा गया था। एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि दिनांक 23.05.2023 को सुबह मादा चीता ज्वाला के एक शावक की मृत्यु हुई जिसके संबंध में प्रेसनोट जारी किया गया था। एक शावक की मृत्यु पश्चात् शेषशावक एवं मादा चीता ज्वाला की पालपुर में तैनात वन्यप्राणी चिकित्सकों की टीम एवं मानिटरिंग टीम द्वारा दिनभर लगातार निगरानी की गई। दिन के समय चीता ज्वाला को सप्लीमेंट फुट दिया गया। दोपहर बाद निगरानी के दौरान शेष शावक की स्थिति सामान्य नहीं लगी। यहाँ यह भी ध्यान देने योग्य है कि दिनांक 23.05.2023 इस ग्रीष्म ऋतु का सर्वाधिक गर्म दिन भी रहा दिन का अधिकतम तापमान लगभग 46-47 डिग्री सेल्सियस रहा। 
दिनभर अत्यधिक गर्म हवाएं एवं लू चलती रही। तीनों शावकों की असामान्य स्थिति एवं गर्मी को देखते हुए प्रबंधन एवं वन्यप्राणी चिकित्सकों की टीम ने तत्काल तीनों शावकों को रेस्क्यू कर आवश्यक उपचार करने का निर्णय लिया 2 शावकों की स्थिति अत्यधिक खराब होने से उपचार के सभी प्रयासों के बावजूद भी उनको बचाया नहीं जा सका। एक शावक गंभीर हालत में गहन उपचार एवं निगरानी में पालपुर स्थित चिकित्सालय में रखा गया। जहाँ उसका लगातार उपचार किया जा रहा है। उपचार के लिए हमारे नामीबिया एवं साउथ अफ्रीका के सहयोगी बीता विशेषज्ञों एवं चिकित्सकों से लगातार सलाह ली जा रही है। उक्त शावक वर्तमान में गहन उपचार है एवं उसके स्वास्थ्य की स्थिति स्थिर है। मादा भीता ज्वाला वर्तमान में स्वस्थ है जिसकी सतत निगरानी की जा रही है।
 

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सभी चीता शावक कमजोर, सामान्य से कम वजन एवं अत्यधिक डिहाइडेड पाये गये। मादा चीता ज्वाला हैण्ड रियर्ट चीता है जो पहली बार माँ बनी है। चीता शावकों की उम्र लगभग 6 हफ्ते है इस अवस्था में चीता शावक सामान्यतः जिज्ञासु होते हैं एवं माँ के साथ लगातार चलते हैं, चीता शावकों ने अभी लगभग 8-10 दिन पूर्व ही माँ के साथ घूमना शुरू किया था। चीता विशेषज्ञों के अनुसार सामान्या अफ्रीका में चीता शावकों का जीवित रहने का प्रतिशत बहुत कम होता है। स्टैंडर्ड पोटोकाल अनुसार पोस्टमार्टम की कार्यवाही की जा रही है।



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