A Timeline of Balakot Airstrike: बंदर मारा गया…एयरस्ट्राइक के बाद NSA डोभाल के पास आया किसका फोन?

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26 फरवरी का दिन बेहद ही खास है। पांच साल पहले, इसी तारीख को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने 14 फरवरी के पुलवामा हमले के जवाब में पाकिस्तान में बालाकोट हवाई हमले को अंजाम दिया था। यह अत्यधिक सफल हवाई हमले कोड-नाम ‘ऑपरेशन बंदर’ की पांचवीं वर्षगांठ है। 26 फरवरी, 2019 की तड़के भारतीय वायु सेना ने ये हवाई हमले किए, जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद पहली बार हुआ। इस ऑपरेशन के कामयाब रहने के पीछे सुनोयोजित प्लानिंग का अहम रोल था। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बारे में शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी अधिकारियों को चकमा देने के लिए ऑपरेशन का कोड बंदर जानबूझकर रखा गया था। ये कोड भावलपुर में आतंकी संगठन के जैश के मुख्यालय के संदर्भ में था। सट्राइक से पहले पाकिस्तानी इंटेलिजेंस को धोखे में रखने के लिए राजस्थान के आसमान में भारतीय फाइटर जेट उड़ाए गए। जिससे की पाक का पूरा ध्यान इस ओर आ जाए और वो अपनी पूरी ताकत इस ओर लगा दे। नजीते के मुताबिक भारतीय सेना के अपग्रेड मिराज 2000 ने 90 किलोग्राम स्पाइस 2000 के पैनट्रेटेड बम बरसाए।  

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बंदर मारा गया
26 फरवरी साल 2019 के सुबह करीब पौने चार बजे तत्कालीन वायु सेना प्रमुख बीएस धनोवा को एक स्पेशल आरएक्स नंबर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का फोन आया। आरएक्स एक अल्ट्रा सिक्योर फिक्स लाइन नेटवर्क है। उन्होंने फोन पर हिंदी में कहा बंदर मारा गया। धनोवा की ओर से फोन पर बोले गए शब्दों का मैसेज साफ था कि पाकिस्तान के बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आतंकी कैंप को भारतीय लड़ाकू जेट ने सीमा पार तबाह कर दिया है। धनोवा ने उस वक्त की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और रिसर्च एंड एनिलिसिस विंग के अनिल धस्माना को भी इसी तरह कॉल की थी। इसके बाद एनएसए डोभाल ने पीएम मोदी को एयर स्ट्राइक की जानकारी दी। 

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बालाकोट हवाई हमले की टाइमलाइन
14 फरवरी, 2019: जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आत्मघाती हमलावर द्वारा उनके काफिले पर हमला किए जाने के बाद 40 सीआरपीएफ कर्मी मारे गए। हमलावर ने श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर अपने वाहन से काफिले की एक बस में टक्कर मार दी। यह जम्मू-कश्मीर में हताहतों की संख्या के लिहाज से सबसे घातक हमलों में से एक था।
15 फरवरी, 2019: घातक हमले के एक दिन बाद भारत ने पाकिस्तान को दिया गया ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ (एमएफएन) का दर्जा वापस लेने का फैसला किया। इसके अलावा, उसने कहा कि पड़ोसी देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के लिए हर संभव कदम उठाएगा। इस बीच, पाकिस्तान ने आतंकवादी हमले को “गंभीर चिंता का विषय” बताया और हमले से इसके संबंध के भारत के आरोपों को खारिज कर दिया।
16 फरवरी, 2019: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 सैनिकों के नश्वर अवशेषों को उनके गृहनगर में दफनाया गया।
19 फरवरी, 2019: पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधान मंत्री इमरान खान ने पुलवामा आतंकी हमले पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि अगर भारत ने उनके खिलाफ दंडात्मक सैन्य कार्रवाई करने का फैसला किया तो उनका देश जवाबी कार्रवाई करेगा।
20 फरवरी, 2019: आतंकी हमले के मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपने हाथ में ले ली और एफआईआर में जैश-ए-मोहम्मद का नाम शामिल किया।
22 फरवरी, 2019: अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तानी सरकार ने जैश मुख्यालय का ‘प्रशासनिक नियंत्रण’ लेने का फैसला किया।
23 फरवरी, 2019: केंद्र ने क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियानों को मजबूत करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगभग 10,000 केंद्रीय बलों के जवानों को कश्मीर घाटी में भेजा।
26 फरवरी, 2019: भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी-प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी की। यह ऑपरेशन पुलवामा हमले के 12 दिन बाद चलाया गया था. इस्लामाबाद ने नई दिल्ली के सीमा पार हवाई हमलों को अवांछनीय आक्रामकता कहा।



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