पोप बेनेडिक्ट के निधन से भविष्य में पोप बनने वालों के लिए प्रोटोकॉल का मार्ग प्रशस्त हुआ

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पोप एमेरिटस (सेवामुक्त) बेनेडिक्ट 16वें के निधन के अवसर पर इस बार सेंट पीटर्स बेसिलिका की घंटियों की आवाज नहीं सुनाई दी, न ही वेटिकन के महाशय ने चौक में कैथोलिक चर्च को मानने वाले लोगों के लिए कोई महत्वपूर्ण घोषणा ही की।
एक ‘मछुआरे की अंगूठी’ नहीं तोड़ी गई और रोम में आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए राजनयिक दल नहीं जुटाए गए।
दरअसल, पोप को मृत घोषित किए जाने के बाद इस प्रक्रिया के तहत कैमरलेंगो पोप की अंगूठी लेता है और अन्य कार्डिनल्स (पादरी) की उपस्थिति में कैंची की एक जोड़ी से उसे काटता है।

पोप एमेरिटस (सेवामुक्त) बेनेडिक्ट 16वें के निधन की घोषणा शनिवार को पूरी तरह से अनौपचारिक तरीके से की गयी। वेटिकन के प्रेस कार्यालय ने दो वाक्यों का एक बयान जारी कर पोप बेनेडिक्ट के निधन की यह घोषणा की और साथ ही स्पष्ट किया कि बेनेडिक्ट ने करीब एक दशक पहले ही पोप का पद छोड़ दिया था।
उनके निधन के अनुष्ठान एक पोप की तरह नहीं, बल्कि एक सेवानिवृत्त बिशप के समान थे, भले ही उन्हें पोप के लाल वस्त्रों में दफनाया जाएगा।

इससे एक सवाल खड़ा होता है कि क्या पोप फ्रांसिस बेनेडिक्ट के निधन के बाद सेवानिवृत्त पोप के कार्यालय को विनियमित करने के लिए नए प्रोटोकॉल जारी करेंगे? क्या वह अपनी सेवानिवृत्ति पर विचार करने के लिए अधिक स्वतंत्र महसूस करेंगे। इस तरह के कई सवाल उठ रहे हैं।
वेटिकन की ओर से जारी प्रारंभिक सूचना के अनुसार सेंट पीटर स्क्वायर में बृहस्पतिवार को बेनेडिक्ट का अंतिम संस्कार ‘सादगी’ की उनकी इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए बेहद साधारण तरीके से आयोजित किया जाएगा।

गौरतलब है कि 2005 में जब पोप जॉन पॉल द्वितीय का निधन हुआ था, तो 100 से अधिक देशों के राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और राजाओं ने अंतिम संस्कार में भाग लिया था, जिसकी अध्यक्षता कार्डिनल जोसेफ रैत्ज़िंगर ने की, जो उसके बाद पोप बेनेडिक्ट 16वें चुने गए थे।
बेनेडिक्ट के अंतिम संस्कार के लिए वेटिकन ने केवल इटली और जर्मनी को आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए आमंत्रित किया।

इसके अलावा विदेशी दूतावासों को सलाह दी गयी है कि जो भी अन्य नेता शामिल होना चाहते हैं, वे ऐसा कर सकते हैं, लेकिन केवल अपनी ‘निजी हैसियत’ से ही ऐसा कर सकते हैं।
बेनेडिक्ट के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया सोमवार से शुरू होगी और उनका पार्थिव शरीर सेंट पीटर्स बेसिलिका में रखा जाएगा, लेकिन श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है, जिससे पता चलता है कि सीमित संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है।

पोप जॉन पॉल की मृत्यु के बाद, अनुमानित 20 लाख लोग उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए चार दिनों तक कतार में खड़े रहे,
इटली के सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, पोप बेनेडिक्ट के अंतिम संस्कार में करीब 60 हजार लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
पोप एमेरिटस (सेवामुक्त) बेनेडिक्ट 16वें को 20वीं सदी के सर्वाधिक बौद्धिक कैथोलिक धर्मशास्त्रियों में से एक होने का श्रेय दिया जाता है। उन्हें एक ऐसे पोप के रूप में जाना जाता था, जिन्होंने किताबों, उपदेशों और भाषणों के माध्यम से ईसाई धर्म का प्रचार किया।

कार्डिनल और पोप के रूप में, बेनेडिक्ट ने चर्च के कानून में क्रांतिकारी बदलावों को आगे बढ़ाया, ताकि यौन शोषण के आरोपी पादरियों का बच निकलना आसान नहीं हो और उन्होंने उनमें से सैकड़ों को बर्खास्त कर दिया। वह यौन शोषण के पीड़ितों से मिलने वाले पहले पोप थे।
उन्होंने कैथोलिक चर्च के 20वीं सदी के सबसे असाधारण मामले में अपने पूर्ववर्ती के फैसले को उलट दिया था। पोप बेनेडिक्ट ने अंत में, कई बच्चों का यौन शोषण करने वाले एक पादरी के खिलाफ कार्रवाई की थी, जिसकी सेंट जॉन पॉल द्वितीय के आंतरिक समूह द्वारा सराहना की गयी थी।

पोप बेनेडिक्ट (95) का शनिवार को निधन हो जाने के बाद कई लोगों का मानना है कि यौन शोषण के मामलों को लेकर बहुत कुछ किया जाना चाहिए था। यौन शोषण के पीड़ितों और उनके समर्थकों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पोप बेनेडिक्ट के कार्यकाल के दौरान ऐसा कुछ विशेष नहीं हुआ, जिसकी सराहना की जानी चाहिए।
इन लोगों का कहना है कि कैथोलिक चर्च के अन्य पोप की तरह पोप बेनेडिक्ट ने भी चर्च की छवि बचाने की कोशिश की और कई तरह से उन्होंने पादरी व्यवस्था को भी जारी रखने की कोशिश की।

यौन शोषण के पीड़ितों के अमेरिका स्थित समूह एसएनएपी ने कहा, ‘‘हमारे विचार में पोप बेनेडिक्ट चर्च के सबसे गहरे रहस्यों को अपने साथ अपनी कब्र में ले जा रहे हैं।’’
धर्मनिरपेक्ष यूरोप में ईसाई धर्म के पुनर्जागरण की कोशिश करने वाले एवं जर्मनी से ताल्लुक रखने वाले बेनेडिक्ट एक ऐसे पोप के रूप में याद रखे जाएंगे, जो इस पद से इस्तीफा देने वाले 600 वर्षों में प्रथम कैथोलिक धर्मगुरु थे।
सेंट पीटर्स स्क्वायर में बृहस्पतिवार को विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा।

यह एक अभूतपूर्व कार्यक्रम होगा, जिसमें मौजूदा पोप पूर्व पोप की अंत्येष्टि पर प्रार्थना सभा में हिस्सा लेंगे।
बेनेडिक्ट ने 11 फरवरी 2013 को विश्व को उस वक्त स्तब्ध कर दिया था, जब उन्होंने यह घोषणा की कि वह 1.2 अरब अनुयायियों वाले कैथोलिक चर्च का अब नेतृत्व नहीं कर सकेंगे। वह आठ वर्षों तक इस पद पर रहे और विवादों के बीच उन्होंने इसका (कैथोलिक चर्च का) नेतृत्व किया।
अचानक दिये गये उनके इस्तीफे ने इस शीर्ष पद के लिए पोप फ्रांसिस के चुने जाने का मार्ग प्रशस्त किया था।

दोनों पोप वेटिकन गार्डन में साथ-साथ रहे और इस अभूतपूर्व व्यवस्था ने भविष्य के पोप के लिए भी इसका अनुसरण करने की राह तैयार की।
पूर्व कार्डिनल जोसेफ रैत्जिंगर कभी पोप नहीं बनना चाहते थे। वह 78 वर्ष की आयु में यह योजना बना रहे थे कि अपने जीवन के अंतिम वर्ष पैतृक स्थान बावरिया में शांतिपूर्वक रहते हुए लेखन कार्य में बिताएंगे।
इसके बजाय, उन्हें सेंट जॉन पॉल द्वितीय के पदचिह्नों पर चलने के लिए मजबूर होना पड़ा और चर्च का नेतृत्व करना पड़ा।



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