यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना ने ग्रह भूविज्ञानी अल्फ्रेड मैकएवेन के हवाले से लिखा है कि रेत के ये टीले गोलाकार होने के साथ ही थोड़े विषम हैं। इन्हें देखकर पता चलता है कि रेत आमतौर पर दक्षिण दिशा से आने वाली हवाओं के साथ बहती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल नवंबर में यह तस्वीर ली गई थी, जब ठंड के मौसम में रिसर्चर्स इस इलाके की स्टडी कर रहे थे। रिसर्चर्स इस इलाके में पाले को स्टडी कर रहे थे। यह तस्वीर दिखाती है कि इलाके में कहीं कोई पाला (shows frost) नहीं पड़ा।
MRO पर लगा HiRise कैमरा यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना द्वारा कंट्रोल किया जाता है। इसमें हाई रेजॉलूशन उपकरण लगे हैं। इसे साल 2005 में लॉन्च किया गया था। साल 2006 से मार्स रिकॉनसिंस ऑर्बिटर मंगल ग्रह के वातावरण और वहां के इलाकों को स्टडी कर रहा है। यह अन्य मंगल मिशनों के लिए एक प्रमुख डेटा रिले स्टेशन के रूप में भी काम करता है।
यह पहली बार नहीं है, जब मंगल ग्रह पर किसी आकृति ने वैज्ञानिकों को सरप्राइज किया है। हाल ही में नासा ने एक और अद्भुत तस्वीर मंगल ग्रह की शेयर की थी। मंगल की सतह की ये तस्वीर बेहद दिलचस्प थी जिसमें एक भालू का चेहरा बनता देखा गया था। इसमें एक ज्वालामुखी के होने की संभावना भी जताई गई थी।
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