आरबीआई ने कथित तौर पर मनीकंट्रोल की आरटीआई क्वेरी का जवाब देते हुए कहा कि “31 मार्च, 2023 तक भारतीय रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट में छपे डाटा के अनुसार, सीबीडीसी (रिटेल) के लिए 5.70 करोड़ रुपये का ई-रुपया जारी किया गया।” CBDC एक मुद्रा का एक इलेक्ट्रॉनिक ब्लॉकचेन-बेस्ड रूप है। नकद के बजाय सीबीडीसी के इस्तेमाल से कागज के नोटों पर निर्भरता कम होगी और सभी ट्रांजेक्शन का डाटा भी साफ रहेगा।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और केनरा बैंक समेत कुल 13 बैंक इन ट्रांयल के संचालन में RBI की मदद कर रहे हैं। इन बैंकों ने eRupee के साथ ट्रांजेक्शन करने वाले लोगों के लिए लाभ और पुरस्कार की भी पेशकश की है, जिससे आरबीआई को 2023 के आखिर तक 10 लाख डेली ट्रांजेक्शन के अपने लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिली। आने वाले महीनों में आरबीआई eRupee पर और ज्यादा फीचर प्रदान करने का प्लान बना रहा है। अब कई भारतीय बैंक, ग्राहकों को इसके जरिए ट्रांजेक्शन करने का मौका दे रहे हैं। बीते हफ्ते RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मीडिया को बताया कि eRupee CBDC को ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ऑफलाइन पेमेंट और कॉर्पोरेट इस्तेमाल के लिए प्रोग्रामबिलिटी फीचर का सपोर्ट करेगा।
WazirX के सीईओ और हाल ही में लॉन्च किए गए क्रिप्टो फ्यूचर्स एक्सचेंज Pi42 के को-फाउंडर निश्चल शेट्टी ने शुक्रवार को X पर अपने पोस्ट में आरबीआई के CBDC प्लान पर उत्साह व्यक्त किया। शेट्टी ने कहा कि “CBDC अपनाने और उसकी ग्रोथ के साथ सभी यूजर्स के उपयोग में लाने के लिए यह एक शानदार कदम है।” “अगर इस CBDC को डीसेंट्रिलाइज्ड ब्लॉकचेन से जोड़ने का कोई तरीका है तो हम INR को DeFi में इंटीग्रेटेड होते हुए देख सकते हैं। इससे भारतीय रुपये को मजबूत होने में मदद मिलेगी जो भारत के लिए बेहतर होगा।”
India has launched another groundbreaking innovation in Banking with the introduction of OFFLINE payments via eRupee, following the tremendous success of #UPI.
Soon, transfer money wallet-to-wallet without an internet connection or intermediaries.#CBDC #eRupee #RBI pic.twitter.com/DDDDFVkC7y
— Darshak Raut (@darshaksinh) February 9, 2024
बीते साल जुलाई में CFA इंस्टीट्यूट (चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट) द्वारा किए गए एक सर्वे में कहा गया था कि एशिया-पेसिफिक क्षेत्र में सीबीडीसी को ज्यादा पसंद किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया था कि “फाइनेंशियल स्टेबिलिटी और समावेशन पूरे एशिया-पेसिफिक में CBDC में रुचि बढ़ाने वाले दो प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की तेज ग्रोथ और अचानक गिरावट ने CBDC में रुचि बढ़ाई है।”
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