चंद्रमा पर फ‍िर ‘जिंदा’ हुआ जापान का SLIM लैंडर, चंद्रयान-3 नहीं कर पाया था ऐसा, जानें डिटेल

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SLIM Moon Lander : जापानी स्‍पेस एजेंसी जाक्‍सा (Jaxa) ने इतिहास रच दिया है। जाक्‍सा के SLIM मून लैंडर ने चांद पर पड़ने वाली भयानक सर्दी का मुकाबला करते हुए अपनी जान बचा ली! सर्दियों वाली रात खत्‍म होने के बाद जब जाक्‍सा ने अपने लैंडर से कॉन्‍टैक्‍ट किया, तो उसने रेस्‍पॉन्‍स दिया। याद रहे कि भारत का चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan 3) ऐसा नहीं कर पाया था और भयानक सर्दी से पहले स्‍लीप मोड में जाने के बाद दोबारा जिंदा नहीं हो सका था। 

SLIM मून लैंडर ने 19 जनवरी को चांद पर सटीक लैंडिंग की थी, लेकिन सीधी लैंडिंग नहीं कर पाने के कारण वह अपनी जगह पर गिर गया था। हालांकि वैज्ञानिकों ने हार नहीं मानी और एक सप्‍ताह बाद जब सूर्य की किरणें SLIM में लगे सोलर पैनलों पर पड़ीं, तो वह चार्ज हो गया और अपनी जगह पर खड़ा भी हो गया। 
 

एक फरवरी को स्लिम लैंडर स्‍लीप मोड में चला गया, क्‍योंकि चंद्रमा पर रात शुरू हो रही थी। यह एक लंबा वक्‍त होता है। इतने दिनों तक सूर्य की रोशनी नहीं पहुंचने के कारण वहां तापमान शून्‍य से काफी नीचे चला जाता है। चंद्रयान-3 उस कम तापमान के बाद नहीं जाग पाया था, लेकिन स्लिम ने इस सिलसिले को तोड़ते हुए अपनी स्‍पेस एजेंसी से दोबारा कम्‍युनिकेशन स्‍थापित कर ल‍िया। 

जापानी स्‍पेस एजेंसी के अनुसार, दोबारा किया गया कम्‍युनिकेशन कुछ देर रहा। जैसे-जैसे तापमान में सुधार होगा, लैंडर के साथ कम्‍युनिकेट किया जाएगा। 
 

180 फीट के एरिया में की थी लैंडिंग 

चंद्रयान-3 मिशन की लैंडिंग का दायरा बड़ा था। उसके मुकाबले स्लिम लैंडर ने 180 फीट के एरिया में लैंडिंग की। इसमें वह थोड़ा भटका और पलट गया था। जबतक उसके सौर पैनलों पर सूर्य की रोशनी पड़ी, एक हफ्ता गुजर गया था। जैसे-तैसे उसने काम शुरू किया, लेकिन 1 फरवरी को फ‍िर स्‍लीप मोड में चला गया क्‍योंकि चांद पर रात गहरा रही थी। अब स्लिम लैंडर फ‍िर से एक्टिव हाे गया है। 
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