आप सोच रहे होंगे कि 5.5 इंच का रोबोट कैसे इंसानों जैसा बनाया जा सकता है। यही करके दिखाया है डायोसेसन बॉयज स्कूल के स्टूडेंट्स ने। उन्होंने ना सिर्फ रोबोट को दो पैरों में चलने लायक बनाया, बल्कि इस तरह से तैयार किया कि उसके कंधों, कोहनी, घुटनों और कूल्हों (hips) को पहचाना जा सके। इन्हीं खूबियों की वजह से स्टूडेंट्स के बनाए रोबोट को दुनिया के सबसे छोटे ह्यूमनॉइड रोबोट का खिताब दिया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, ह्यूमनॉइड रोबोट को मोबाइल ऐप के जरिए प्रोग्राम किया जा सकता है। छात्रों के अनुसार, उन्होंने यह रोबोट उस वंचित कम्युनिटी के लिए तैयार किया, जो आज भी STEAM एजुकेशन से दूर हैं। इस तरह की एजुकेशन में किताबी पढ़ाई के बजाए साइंस, टेक और इंजीनियरिंग का इस्तेमाल करके शिक्षा ली जाती है। स्टूडेंट्स का कहना है कि वो एक छोटा, सस्ता, रिचार्जेबल और प्रोग्राम किया जा सकने वाला ह्यूमनॉइड रोबोट प्लेटफॉर्म डिजाइन करना चाहते थे।
रिपोर्ट में छात्रों के हवाले से लिखा गया है कि STEAM एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए स्टूडेंट्स इस रोबोट के डिज़ाइन और प्रोग्रामिंग कोड को ओपन-सोर्स करने की भी योजना बना रहे हैं। यानी कल के दिन कोई और भी इस तरह के रोबोट तैयार कर सकेगा।
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