रिपोर्टों के अनुसार, G2 कैटिगरी का तूफान अपने चरम पर हो, तो बहुत ताकतवर माना जाता है। हालांकि इससे पृथ्वी पर रह रहे लोगों को कोई सीधा खतरा नहीं है, लेकिन इसने आर्कटिक के इलाके में असर दिखाया और शॉर्टवेव रेडियो ब्लैकआउट की स्थिति पैदा कर दी है।
SpaceWeather.com के मुताबिक, आर्कटिक सर्कल के अंदर शॉर्टवेव रेडियो इस्तेमाल करने वाले मिशनों को परेशानी हो सकती है। खास यह है कि सूर्य में जो विस्फोट हुआ वह सीधे तौर पर पृथ्वी की ओर लक्षित नहीं था। ऐसा होता तो हमारे ग्रह को और ज्यादा चुनौतियां का सामना करना पड़ता। रिपोर्टों के अनुसार, सूर्य के जिस क्षेत्र में यह घटना हुई, वह अब अगले 7 दिन पृथ्वी की तरफ होगा। ऐसे में पृथ्वी पर सौर तूफानों का खतरा बना हुआ है।
सौर तूफान बहुत अधिक प्रभावशाली होने पर सैटेलाइट्स को नुकसान पहुंचा सकता है। पावर ग्रिडों को फेल सकता है यहां तक कि मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं पर असर डाल सकता है। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, सूर्य से जो CME निकला उसके साथ आई लहर ने पृथ्वी की ओर 3 हजार किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से रुख किया। इस कारण पृथ्वी के दोनों छोर पर शानदार ऑरोरा भी दिखाई दिए।
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