मंनगवां तहसील में कार्य नहीं करनामे होते हैं: हर्ष नारायण गौतम

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मंनगवां तहसील में कार्य नहीं करनामे होते हैं: हर्ष नारायण गौतम

मनगवा तहसील में किसानों के कार्य नहीं करनामे किए जाते हैं, यह दावा भारतीय किसान संघ की मीडिया प्रभारी हर्ष नारायण गौतम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी।

उनके द्वारा बताया गया कि रीवा जिले की बड़ी तहसीलों में से एक मंनगवा तहसील में 300 गांव आते हैं जिसके अंतर्गत दूर-दराज से आने वाले किसानों को यहां पर पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों द्वारा किसानों को शासन प्रशासन की योजनाओं को लागू ना कर लूट का अड्डा बना लिया है, जिसमें शासन के नियमों का खुलेआम थाज्जिया उड़ाई जाती है और दूर-दराज से आए किसानों को यहां पर पदस्थ अधिकारी कर्मचारी खुलेआम रिश्वत की मांग करते हैं जबकि उक्त तहसील में अब तक लोकायुक्त द्वारा सात प्रकरण दर्ज किया जा चुके किंतु फिर भी अधिकारी सहित रीडर, पटवारी एवं यहां लगे चौकीदार खुले आम दलालों को पाल रखा है जिनके माध्यम से किसानों को लूटा जाता है और तो और यहां पर पदस्थ सभी रीडर अनुभवहीन दूसरे विभाग से अटैच ,और बीमारी से ग्रसित हैं। उनके सहायता हेतु विभाग द्वारा कोटवार एवं बाहरी लोगों से कार्यालय का कार्य कराया जाता है जिनके द्वारा ना तो फाइलों का संधारण किया जाता और ना ही किसी प्रकार के संम्मन नोटिस पटवारी प्रतिवेदन फाइलों में संलग्न नहीं किया जाता है।

साथ ही आज दिनांक तक किसी भी सर्किलो में एवं एसडीएम कार्यालय में काज लिस्ट नहीं बनाई गई जिससे अधिवक्ताओं के साथ-साथ किसान एवं पक्षकारों को अपनी फाइल प्रकरणों की कार्यवाही की जानकारी नहीं हो पाती और उक्त दलालों व कोटवारों द्वारा मनमानी ऑर्डर सीट लिखकर पक्षकारों को अनुपस्थित दिखाकर लंबे समय से चल रहें प्रकरणों को खारिज कर दिया जाता है, जिससे किसान को समस्याओं से उलझन पड़ रहा है साथ ही कार्यालय की भर्राशाही को देखकर पटवारियों द्वारा भी कार्यालय व अपनी बंगलो में बैठकर मनमानी रिपोर्ट तैयार की जाती है साथ ही दलालों के माध्यम से पटवारी खुद प्रकरण आरसीएमएस करा कर अधिकारियों से सेटिंग कर निराकरण करा लेते हैं, जबकि उनके द्वारा सारे कार्य नियम विरुद्ध होने के बावजूद कुछ दिन में ही आदेश हो जाते हैं जो किसान कर्मचारियों के दलालों के माध्यम से नहीं जाते उनका निराकरण या तो पेंडिंग पड़े हैं या खारिज कर दिए जाते हैं जिससे मंनगवा तहसील के सभी किसान आए दिन तहसीलों का चक्कर लगा रहे हैं।

अगर इसकी वानगी देखना हो तो जिस दिन पटवारी की मीटिंग होती है उसे दिन तहसील में उमड़ने वाली भीड़ को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है की आज किसान कितना परेशान है उसका राजस्व रिकॉर्ड। इन अधिकारियों की वजह से बिगड़ा हुआ है और आए दिन विवाद में उलझ जाता है जिससे आपराधिक प्रकरणों का दिनों दिन बढ़ोतरी हो रही है और किसान हर तरफ से लूटने को मजबूर है।

शासन की फौती नामांतरण खसरा शुद्धिकरण नक्सा तर्मीम सीमांकन अभियान को पुराने प्रकरण को खारिज कर अपनी प्रगति दिख रहे हैं जिसकी जांच की मांग संगठन द्वारा की जाती है,उक्त विषय को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जिला मीडिया प्रभारी हर्ष नारायण गौतमने समाचार पत्रों के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से उक्त तहसील की जांच कराए जाने एवं भ्रष्टाचारी अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने की मांग की है।


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