Meghalaya में सरकार बनाने के लिए एनपीपी का भाजपा से समर्थन मांगना विरोधाभास : कांग्रेस

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शिलांग। मेघालय में नयी सरकार बनाने के लिए नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अपनी पूर्व सहयोगी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से समर्थन मांगने को कांग्रेस ने विरोधाभास करार दिया है।
कांग्रेस ने कहा कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व कोनराड के संगम की अगुवाई वाली सरकार को देश की ‘सर्वाधिक भ्रष्ट’ सरकारों में से एक बता चुका है।
माइलियम विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज करने वाले कांग्रेस विधायक रोनी वी लिंगदोह ने कहा कि विपक्ष हार के बावजूद समान विचारधारा वाले दलों के साथ काम करना जारी रखेगा।

लिंगदोह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यहां एक विरोधाभास है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं कि एनपीपी नीत सरकार सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार है। वे उसी पार्टी के साथ कैसे काम कर सकते हैं?’’
उत्तरी त्रिपुरा निर्वाचन क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने 16 फरवरी को कहा था कि भाजपा ने मेघालय में चुनाव से पहले एनपीपी से अपना गठबंधन तोड़ दिया, ताकि वह सभी सीट पर चुनाव लड़ने के साथ और ताकतवर बनकर उभरे।
एनपीपी बृहस्पतिवार को घोषित चुनाव नतीजों में राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। उसने 27 फरवरी को हुए चुनाव में 59 में से 26 सीट पर जीत हासिल की।

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60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा में किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए जरूरी 31 सीट नहीं मिल सकी हैं। इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि संगमा ने नयी सरकार के गठन के लिए शाह से समर्थन मांगा है।
संगमा सरकार में एनपीपी की सहयोगी रही यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) 11 सीट के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, जबकि वर्ष 2018 के चुनाव में उसे केवल छह सीट हासिल हुई थीं।
कांग्रेस और ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांगेस ने पांच-पांच सीट हासिल की हैं, जबकि भाजपा को दो सीट से संतोष करना पड़ा है।



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