पुरानी जगह पर हमेशा के लिए आ गए हैं…नीतीश ने विधानसभा में बताया जिस गठबंधन का किया निर्माण, उसी INDIA ब्लॉक को क्यों छोड़ा

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बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार का विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट सोमवार को निर्धारित है। बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमने इनको मौका दिया एक बार, 2005 में हमने किया ये साथ में थे। सारे काम क्या हमें करना है 2005 से 2010 पूरी पार्टी ने इसे स्वीकार किया। 2010 में हमने साथ काम किया। 2015 में हम साथ आए तो सात निश्चय की बात की। जब मेरे साथ आ रहे थे तो स्वीकार किए। पहले गड़बड़ नहीं किए लेकिन कुछ दिन बाद देंखे की काम नहीं कर रहे हैं ये लोग तो फिर हम इनके (बीजेपी) के साथ आए। फिर हम सात निश्चय पार्ट टू लेकर आए। एक बार कांग्रेस ने शिक्षा लिया तो कोई गड़बड़ नहीं की लेकिन आपने शिक्षा लिया तो हर बार रोक देते थे।

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इंडिया गठबंधन के बारे में जिक्र करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि  कांग्रेस पार्टी भी इनकी पार्टी इधर से उधर कर रही है तो उन्हें डर लग रहा था। इनके पिताजी भी उनके साथ थे। तब हम पुरानी जगह पर आ गए हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि हम विकास के काम करते रहेंगे। सात निश्नय दो को जारी रखा जाएगा। जिससे बिहार का विकास होगा। समाज के हर तबके का ध्यान रखा जाएगा। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हमें पता चला कि जिसे हमने इज्जत दी हुई है ये लोग कमा रहे हैं। आज तक बीजेपी जब तक हमारे साथ थी तो कभी इधर उधर नहीं किया। 

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एनडीए के फ्लोर टेस्ट पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिला, बहुत खुशी की बात है। कर्पूरी ठाकुर और मेरे पिता(लालू यादव) के साथ आप(नीतीश कुमार) काम कर चुके हैं। आपको तो ये पता था कि जब कर्पूरी ठाकुर ने आरक्षण बढ़ा दिया तो जनसंघ वालों ने ही कर्पूरी ठाकुर को मुख्यमंत्री पद से हटाया। आप कर्पूरी ठाकुर का नाम लेते हैं, फिर भी आप कहां बैठ गए… वही भाजपा और जनसंघ वाले कहते थे कि आरक्षण कहां से आएगा? बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि हमने बिहार को अपराध और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। 45 विधायकों के साथ, जद (यू) 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में महत्वपूर्ण स्थान रखती है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास 79 विधायक हैं। इसके अतिरिक्त, गठबंधन सहयोगी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा-सेक्युलर (एचएएम-एस) के चार विधायक हैं, और एक निर्दलीय के समर्थन के साथ, एनडीए में ग्रैंड अलायंस (जीए) के 115 के मुकाबले 128 विधायक शामिल हैं। बहुमत के निशान तक पहुंचने के लिए 122 विधायकों की आवश्यकता होती है। 



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