भारत में सबसे ज्यादा कुपोषित लोग-आतिशी; भाजपा ने उन पर देश को बदनाम करने का आरोप लगाया

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दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने लंदन में कहा कि दुनिया में खाद्यान्न का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश होने के बावजूद भारत में ‘कुपोषित लोगों की संख्या सर्वाधिक’ है।
आतिशी के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया है कि उन्होंने (आतिशी ने) अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश को ‘बदनाम’ किया है।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने बृहस्पतिवार को लंदन में कैम्ब्रिज इंडिया कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले आठ साल में अपने ‘अनुकरणीय कार्य’ से भारत की राजनीति में एक बड़ा बदलाव लाया है।
आतिशी ने कहा, ‘‘भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में यह पहली बार है कि शासन पर राजनीति की जा रही है और देशभर में विभिन्न दलों के शीर्ष एजेंडे में शिक्षा और स्वास्थ्य शामिल हैं।’’

उन्होंने ‘कैम्ब्रिज जज बिजनेस स्कूल’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘यह वाकई चिंता की बात है कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने में सरकारों को इतने साल लग गए हैं। पिछले 75 वर्षों में, हमारे पास एक भी राजनीतिक दल नहीं था, जिसने देश की शिक्षा प्रणाली को बदलने और हर बच्चे को उनकी पृष्ठभूमि से इतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का दावा किया हो।’’
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आतिशी के विदेश में दिए गए बयानों पर शुक्रवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणियों को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है।
पुरी ने जम्मू में संवाददाताओं से कहा, दो युवा नेता हैं। एक अमेरिका जाते हैं… एक और युवा नेता हैं… वह इंग्लैंड जाती हैं और कहती हैं कि भारत में 35 करोड़ लोग भूखे रहते हैं। प्रधानमंत्री 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे रहे हैं, तो यह 35 करोड़ का आंकड़ा कहां से आया।’’

आतिशी ने कार्यक्रम में दिल्ली के शिक्षा ‘मॉडल’ पर भी चर्चा की।
उन्होंने अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए उल्लेख किया कि उस समय सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों ने भारत को एक विकासशील देश के रूप में रखा था। उन्होंने कहा, उस समय कहा जा रहा था कि भारत 2020 तक एक विकसित देश बन जाएगा। हालांकि.. भारत पर अब भी विकासशील देश का ठप्पा लगा हुआ है।
आतिशी ने कहा कि अक्सर यह रेखांकित किया जाता है कि भारत में बढ़ते अरबपतियों की संख्या सबसे अधिक है, 2020 में यह संख्या 102 से बढ़कर 2022 में 166 हो गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, इस अवधि के दौरान एक और आंकड़ा देश में भूखे लोगों की संख्या से संबंधित है, जो 19 करोड़ से बढ़कर 35 करोड़ हो गया है। इस दृष्टि से भी सोचने पर स्थिति खतरनाक नजर आती है कि भारत दुनिया में खाद्यान्न का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।

इसके बावजूद, यहां कुपोषित लोगों की सर्वाधिक संख्या है।’’
उन्होंने कहा कि हालांकि, भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 3.5 हजार अरब अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर गई है और यह सबसे तेजी से बढ़ती जी20 अर्थव्यवस्था है, वास्तविकता अधिक चिंताजनक है और इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, देश की स्थिति का एक प्रमुख संकेतक मानव विकास सूचकांक है, जहां भारत 191 देशों में से 132वें स्थान पर है।कई छोटे देश, यथा- भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका भी इस सूचकांक में ऊपर हैं।’’
दिल्ली के मंत्री ने बताया, ‘‘देश के दो मॉडल हैं, पहला मॉडल- जिसे आम आदमी पार्टी (आप) ने पिछले आठ साल में प्रस्तुत किया है, जिसका उद्देश्य राज्य के प्रत्येक नागरिक को शिक्षा तक पहुंच प्रदान करके उन्हें देश की समस्याओं को हल करने में सक्षम बनाना है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘दूसरा मॉडल केंद्र सरकार में सत्तारूढ़ पार्टी का है, जो सीबीआई और ईडी के माध्यम से विपक्षी नेताओं को जेल भेजने के लिए विभिन्न हथकंडों का सहारा ले रही है, विधायकों को खरीदने में लगी है और निर्वाचित सरकारों की शक्ति को कमजोर करने वाले अध्यादेश ला रही है।’’
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आप नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका बयान शर्मनाक है और उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, पूरा देश आतिशी से जानना चाहता है कि उन्हें 35 करोड़ भूखे लोगों का आंकड़ा कहां से मिला। खुद को सच्चा देशभक्त कहने वाली आम आदमी पार्टी के नेताओं ने आज देश को शर्मसार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।



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