कोटा राजस्थान का वो शहर जहां से पढ़ने के बाद युवाओं ने पूरी दुनिया में नाम कमाया है भारत का नाम रोशन किया। इस शहर ने बड़े-बड़े सपने देखने वाले छोटे शहरों के युवाओं को पंख दिए आसमान में उड़ने के लिए। पंखों के साथ युवाओं ने सफलता भी हासिल की। लेकिन अब ये कोटा शहर किसी और वजह से मीडिया में सुर्खियां बटौर रहा है। कारण है कोटा में छात्र काफी दवाब में हैं और दबाव सहन नहीं कर पाने के कारण वह अपना जीवन ही खत्म कर रहे हैं। कोटा में पिछले 8 महीनों में 22 छात्रों ने आत्महत्या की है। बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं पर प्रशासन चुप्प था।
आत्महत्या की घटनाएं भारत सहित विश्व के सामने एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। राजस्थान के प्रवेश परीक्षा कोचिंग हब कोटा में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए एक असामान्य समाधान प्रशासन ने निकाला है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें आत्महत्या को रोकने के लिए स्प्रिंग वाले पंखों को इस्तेमाल करने का अधिकारियों ने पीजी और घर को किराए पर देने वाले मकानमालिकों को आदेश दिया हैं। स्प्रिंग वाले पंखे का इस्तेमाल अगर कोई स्टूडेंट करता है तो वह सुसाइड नहीं कर पाएगा। समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि छात्रों के बीच आत्महत्या के मामलों को कम करने के लिए कोटा में सभी छात्रावासों और पेइंग गेस्ट (पीजी) आवासों में स्प्रिंग-लोडेड पंखे लगाए जा रहे हैं।
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प्रशासन की इस तरबीक का सोशल मीडिया पर लोग अलग-अलग तरह सा रिएक्शन दे रहे हैं। कुछ लोग इस तरह के कदम को फालतू बता रहे हैं। उनका कहना है कि यह आत्महत्याओं को रोकने का स्थाई ससमाधान नहीं है। मीडिया में ये खबरें आने के बाद छात्र आत्महत्या करने के लिए दूसरा रास्ता अपना लेंगे। हमें छात्रों के दिल-दिमाग पर इफेक्ट करने वाली चीजों पर काम करना होगा। कुछ लोगों ने प्रशासन के इस कदम को पसंद किया है। पहला कदम बताया है।
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कोटा में इस साल अब तक 22 छात्रों की आत्महत्या से मौत हो चुकी है। सबसे हालिया घटना में, एक 18 वर्षीय छात्र को मंगलवार रात शहर में एक किराए के आवास पर लटका हुआ पाया गया। इस महीने कोटा में यह चौथी छात्र आत्महत्या है। इस महीने की शुरुआत में आईआईटी-जेईई के दो अभ्यर्थियों और एनईईटी-यूजी के एक अभ्यर्थी सहित तीन अन्य कोचिंग छात्रों की मृत्यु हो गई। पिछले साल कोचिंग हब में छात्रों द्वारा आत्महत्या के कम से कम 15 मामले सामने आए थे।
कोटा प्रशासन ने जिले में छात्र आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की है। बढ़ती मौतों पर उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के बाद, जिला प्रशासन ने कोटा में छात्रों के मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन और उन्हें आवश्यक परामर्श प्रदान करने के लिए कहा था।
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— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) August 18, 2023