‘पिता का श्राद्ध है या…’ राम मंदिर को लेकर दिए जा रहे निमंत्रण JDU सांसद ने उठाया सवाल, आचार्य सत्येन्द्र दास का पलटवार

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जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए दिए जा रहे निमंत्रण पर कटाक्ष किया। ‘प्राणप्रतिष्ठा’ समारोह के निमंत्रण के बारे में बोलते हुए, जदयू सांसद ने निमंत्रण भेजने की आवश्यकता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इस आमंत्रण की क्या आवश्यकता है? क्या यह किसी के पिता का श्राद्ध है या किसी के बेटे की शादी?” कौशलेंद्र कुमार ने आगे कहा कि जो आमंत्रित कर रहा है वह “मूर्ख” है।
 

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नीतीश कुमार की पार्टी के सांसद ने कहा कि अयोध्या सभी की है, अगर कोई इस पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है तो ऐसा नहीं होगा। ऐसे लोग 22 जनवरी को वहां पहुंच रहे हैं, जहां दोनों पति-पत्नी भगवान राम और देवी सीता से आशीर्वाद लेंगे। अगर कोई सीता के बिना वहां जाएगा तो उन्हें भी 2024 में कोई फायदा नहीं होगा। कौशलेंद्र कुमार की टिप्पणी के बारे में बोलते हुए, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि वह खुद एक “मूर्ख” हैं। उन्होंने आगे कहा कि छोटे से छोटे काम के लिए भी निमंत्रण भेजा जाता है।
सत्येन्द्र दास ने कहा कि मूर्ख सदैव मूर्ख की तरह ही बोलेगा। वह स्वयं मूर्ख है. निमंत्रण सम्मान पत्र हैं कि किसी को भगवान राम के आसपास किए जा रहे भव्य कार्यों में आमंत्रित किया जा रहा है। हम छोटे से छोटे काम के लिए निमंत्रण भेजते हैं… जिस मूर्ख को कोई ज्ञान नहीं है वह हमेशा ऐसी भाषा का प्रयोग करेगा… उसे अपनी मूर्खता अपने तक ही रखनी चाहिए। 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर के गृर्भगृह में भगवान रामलला विराजमान होंगे। इसी को लेकर सभी को निमंत्रण दिया जा रहा है। 
 

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राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में वादी रहे इकबाल अंसारी को शुक्रवार को 22 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का न्योता मिला। अंसारी ने कहा कि वह भव्य समारोह में शामिल होंगे। अंसारी ने कहा, ‘‘यह अयोध्या नगरी है, यह धर्म की नगरी है, यहां हिंदू और मुस्लिम समुदाय के देवी-देवता विराजमान हैं। अयोध्या के हिंदू और मुसलमानों के बीच भाईचारा और एकता है और कोई असहजता नहीं है। चाहे वह मंदिर हो, मस्जिद हो या गुरुद्वारा, कोई भेदभाव नहीं है। अयोध्या आने वालों के मन में समरसता का भाव है।’’ उनकी बेटी शमा परवीन ने ‘पीटीआई-भाषा’को बताया कि आमंत्रण पत्र रामपथ के नजदीक कोटिया पंजीटोला स्थित आवास पर उनके पिता को दिया गया।





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