Haldwani Violence| हिंसा की आग में सुलगे हलद्वानी में अबतक चार लोगों की मौत, DM Vandana Singh ने दी स्थिति की ताजा जानकारी

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उत्तराखंड के नैनीताल जिले की हल्द्वानी में हिंसा फैलने के बाद शहर का माहौल तनाव पूर्ण हो गया है। नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने हल्द्वानी हिंसा पर कहां की हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही हल्द्वानी के अलग-अलग हिस्सों में अतिक्रमण गिरने को संबंध में एक्शन लिया गया था। हल्द्वानी में पहले हिंसा के बाद डीएम वंदना सिंह का कहना है कि ये हिंसा प्लानिंग के तहत हुई है। हिंसा के बाद टीम पर हमला करने के लिए पहले से ही दंगाइयों ने पत्थर रखे हुए थे। इस हिंसा को देखते हुए शहर में कर्फ्यू लगाया गया है और पुलिस की तैनाती भी चप्पे चप्पे पर की गई है ताकि कोई उपद्रव ना कर सके।
 
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक्शन हाई कोर्ट के आदेश के बाद लिया गया था। हल्द्वानी में कई जगहों पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही थी। अतिक्रमण हटाने के लिए संबंधित लोगों को नोटिस और सनी का समय दिया गया था। नोटिस दिए जाने के बाद कुछ लोगों ने हाई कोर्ट का रुख किया जबकि कुछ को समय मिला और कुछ को नहीं मिला। जिन लोगों को समय नहीं मिला वहां पर पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की टीम कार्रवाई करनी पहुंची और तोड़फोड़ के एक्शन को अंजाम दिया। 
 
उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक वीडियो दिखाते हुए कहा कि पुलिस फोर्स या प्रशासन ने किसी को नहीं भड़काया है और ना ही किसी को नुकसान पहुंचाया गया है। स्थानीय लोगों ने नगर निगम और पुलिस की टीम पर हमला भी किया। जानकारी के मुताबिक सिर्फ अवैध रुप से बने मदरसे और मस्जिद को गिराया गया है, जिन्हें धार्मिक संरचना के तौर पर कहीं रजिस्टर नहीं किया गया था। इन्हें कोई मान्यता नहीं मिली थी। कागजों पर इन इमारतों को नगर निगम की संपत्ति के तौर पर दर्ज किया गया है। इमारतों पर नोटिस लगाने के बाद इन्हें तीन दिन में खाली करने के आदेश दिए गए थे। डीएम का कहना है कि विभिन्न संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने का फैसला किया गया है। टीमों ने स्थानीय लोगों को उकसाने का काम नहीं किया है।
 
डीएम का कहना है कि इस दौरान किसी तरह से जान माल का नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। पुलिस और निगम ने कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से शुरू की थी, जिसके बाद दंगाइयों ने निगम की टीम पर पत्थरों से हमला कर दिया। कार्रवाई के लिए पुलिस फोर्स भी तैनात थी मगर फिर भी दंगाइयों ने हमले किए।



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