INLD नेता नफे सिंह राठी की हत्या की CBI जांच कराई जाए: Congress

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चंडीगढ़। कांग्रेस ने इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या को राज्य की ‘‘पहली राजनीतिक हत्या’’ करार देते हुए सोमवार को प्रदेश सरकार पर प्रहार किया। मुख्य विपक्षी दल ने मामले की जांच या तो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग भी की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रघुवीर सिंह कादियान ने कहा कि राठी की मौत कोई साधारण घटना नहीं है। कादियान ने विधानसभा में कहा, ‘‘ यह एक राजनीतिक हत्या है और अलग राज्य (1966 में) बनने के बाद हरियाणा में इस तरह की पहली घटना है।’’ 
हरियाणा विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी को श्रद्धांजलि दी, जिनका हाल ही में निधन हुआ था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और कई अन्य सदस्यों ने राठी को भी श्रद्धांजलि दी। कादियान ने कहा कि राठी एक किसान परिवार से थे और जीवन में काफी संघर्ष के बाद विधायक बने। कादियान ने मांग रखी कि राठी की हत्या के दोषियों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ घटना की जांच या तो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से करायी जानी चाहिए या फिर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआई से करानी चाहिए।’’ 
उन्होंने कहा कि वह और राठी झज्जर जिले से ताल्लुक रखते हैं और मारे गए इनेलो नेता की कुश्ती तथा अन्य खेलों में बहुत रुचि थी। राठी रविवार को जब एक स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी)से दिल्ली से सटे झज्जर के बहादुरगढ़ शहर गये थे तो कार सवार हमलावरों ने उन पर गोलीबारी कर दी। इससे राठी और एक इनेलो कार्यकर्ता की मौके पर ही मौत हो गई। लोकसभा चुनाव से करीब दो माह पहले हुए इस हमले को लेकर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। 
विपक्ष ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित हरियाणा में कानून-व्यवस्था खराब होने का आरोप लगाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वारदात में शामिल एक भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस को आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इनेलो के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला ने भाजपा नीत सरकार पर आरोप लगाया कि राठी की जान को खतरा होने के बावजूद सरकार उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने में विफल रही। उन्होंने घटना की सीबीआई जांच की भी मांग की। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने भी इस घटना को लेकर खट्टर सरकार पर निशाना साधा।



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