सीबीआई ने आतंकवाद से जुड़े दो मामलों में रफीक पहलू की जमानत रद्द करने का अनुरोध किया

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केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 1990 में भारतीय वायुसेना के अधिकारियों की हत्या मामले और 1989 के रूबैया सईद अपहरण कांड में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के आतंकवादी रफीक पहलू की जमानत रद्द करने का अनुरोध करते हुए शनिवार को यहां एक अदालत का रुख किया।
वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता और सीबीआई की मुख्य अभियोजक मोनिका कोहली ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि आतंकवाद से जुड़े ये दोनों मामले शनिवार को यहां विशेष टाडा अदालत के समक्ष सुनवाई के लिए आये।
पहलू को दो मामलों में जमानत मिल चुकी है लेकिन हाल में अलगाववादी गतिविधियों को फिर से शुरू करने की कोशिश के लिए कई अन्य लोगों के साथ श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया था।

जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक कुछ ‘तकनीकी गड़बड़ियों के कारण’ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालती कार्यवाही में शामिल नहीं हो पाया। वह भी हत्या और अपहरण के इन दोनों मामलों में आरोपी है।
मलिक अप्रैल, 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में है। उसे तब राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में गिरफ्तार किया था।
पहलू फिलहाल न्यायिक हिरासत में श्रीनगर की केंद्रीय जेल में बंद है।
कोहली ने बताया कि इन मामलों में कार्यवाही शनिवार को जब शुरू हुई तब सीबीआई ने इन दोनों मामलों में पहलू की जमानत रद्द करने का अनुरोध करते हुए आवेदन दिया। कोहली के अनुसार सीबीआई ने विशेष टाडा अदालत से कहा कि पहलू ने अलगाववादी गतिविधियों को फिर से शुरू कर दिया है और इस तरह उसने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया।

उन्होंने बताया कि अदालत ने केंद्रीय जेल के अधीक्षक को अगली सुनवाई के दिन डिजिटल तरीके से उसे पेश करने का निर्देश दिया। आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (टाडा) के तहत एक विशेष अदालत पहले ही इन दोनों मामलों में मलिक और अन्य के खिलाफ आरोप निर्धारित कर चुकी है। जनवरी, 1990 में श्रीनगर के बाहरी इलाके में वायुसेना के चार कर्मियों की हत्या के सिलसिले में 16 मार्च, 2020 को मलिक, पहलू और पांच अन्य के विरूद्ध आरोप तय किये गये थे। वर्ष 1989 के रूबैया सईद अपहरण मामले में 11 जनवरी, 2021 को अदालत द्वारा मलिक, पहलू और आठ अन्य के खिलाफ आरोप तय किये गये थे। रूबैया सईद पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी हैं।



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