आखिर नीतीश ने क्यों कहा था, पहले भी हो सकते हैं लोकसभा चुनाव, अब Bihar CM ने बताया असली कारण

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हाल में ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा दावा करते हुए कहा था कि लोकसभा चुनाव 2024 के तय समय से पहले हो सकते हैं। इसके बाद नीतीश के इस बयान पर खूब चर्चा शुरू हो गई है। अपनी भविष्यवाणी को लेकर नीतीश कुमार ने आज बड़ा कारण भी बताया है। नीतीश कुमार ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा एकजुट विपक्ष के प्रसार और ताकत को कम करने के लिए समय से पहले लोकसभा चुनाव कराने का विकल्प चुन सकती है।
 

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नीतीश ने क्या कहा

बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के पास बहुमत है और जाहिर तौर पर वह लोकसभा चुनाव समय से पहले करा सकती है। वे (भाजपा) सोच सकते हैं कि आने वाले समय में विपक्षी एकता उन्हें प्रभावित कर सकती है, इसलिए यह (लोकसभा) चुनाव समय से पहले करा सकती है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी जी नहीं चाहते थे कि समय से पहले चुनाव हो लेकिन उनकी पार्टी ऐसा चाहती थी और यह हुआ भी। उन्होंने कहा कि इसलिए सभी विपक्षी दलों को आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए एक साथ आना चाहिए। हमें 23 जून की बैठक के बाद तैयारी शुरू करनी चाहिए। 

पहले भी हो सकते हैं लोकसभा चुनाव

नीतीश ने मुख्यमंत्री आवास पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और अन्य लोगों की उपस्थिति में कहा था कि मुझे बताया गया है कि लंबित कार्य जनवरी, 2024 तक पूरे हो जाएंगे। मैं कहूंगा, इससे पहले इन्हें पूरा करने का प्रयास करें। आप कभी नहीं जानते कि चुनावों की घोषणा कब हो सकती है। जद (यू) के शीर्ष नेता नीतीश ने कहा, चुनाव अगले साल नहीं, पहले भी हो सकते हैं। गौरतलब है कि विपक्षी एकता के नीतीश के प्रयासों के कारण ही भाजपा विरोधी नेता एक आम रणनीति तैयार करने के लिए अगले सप्ताह पटना आने पर सहमत हुए हैं।
 

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सम्राट चौधरी का पलटवार

चौधरी ने नीतीश कुमार से पूछा केवल पीएम ही ऐसा फैसला ले सकते हैं, क्योंकि लोकसभा को भंग करने के लिए कैबिनेट के फैसले की जरूरत होगी। क्या उन्होंने इस पर पीएम से कोई बात की, या यह राजद का बढ़ता दबाव है जो उन्हें अटकलें लगाने पर मजबूर कर रहा? जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) ने चौधरी को यह कहते हुए तुरंत प्रतिक्रिया दी, “इस साल के अंत में कुछ और राज्यों में चुनाव होने हैं और उन सभी में भाजपा की संभावनाएं धूमिल दिख रही हैं। 2024 से पहले और अधिक झटकों से बचने के लिए घबराई हुई भाजपा समय पूर्व चुनाव के बारे में सोच सकती है। इससे इंकार नहीं किया जा सकता है।”



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