वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद मामले से वापस लेने के कुछ दिनों बाद राखी सिंह ने बुधवार को राष्ट्रपति से अन्य चार वादियों से उत्पीड़न का हवाला देते हुए इच्छामृत्यु के लिए उनके अनुरोध को स्वीकार करने के लिए कहा। सिंह उन पांच महिला याचिकाकर्ताओं में से एक थीं जिन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हिंदू प्रार्थना और अनुष्ठानों को करने की अनुमति देने की मांग की थी। अन्य चार याचिकाकर्ताओं द्वारा अपने साथ हुए उत्पीड़न के बारे में विस्तार से बताते हुए राखी ने एक पत्र लिखकर 9 जून को सुबह 9 बजे तक राष्ट्रपति से जवाब मांगा।
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उन्होंने हिंदी में लिखे राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में कहा कि मैं 9 जून, 2023 को सुबह 9:00 बजे तक आपके जवाब का इंतज़ार करूंगी। यदि मुझे आपकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो उसके बाद जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह मेरा अपना होगा। पत्र में आरोप लगाया कि चार याचिकाकर्ता “हिंदू समाज में उसे और उसके पूरे परिवार को बदनाम करने” की कोशिश कर रहे हैं। मई 2022 में उपरोक्त लोगों ने अपने झूठे प्रचार के तहत मेरे खिलाफ एक अफवाह फैलाई। उन्होंने कहा कि राखी सिंह मामले से हट रही हैं, जबकि न तो मैंने और न ही मेरे चाचा जितेंद्र सिंह विसेन जी ने ऐसा कोई बयान जारी किया था।
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राखी सिंह ने कहा कि इस भ्रम के कारण पूरा हिंदू समुदाय मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ हो गया है। सरकार और प्रशासन के कई लोग भी इस दुष्प्रचार में शामिल हैं। राखी ने अपने पत्र के अंत में लिखा कि मैं इससे बहुत आहत हूं। इसलिए, आपसे अनुरोध है कि मुझे इच्छामृत्यु की अनुमति दें और इस अपार मानसिक पीड़ा और पीड़ा से छुटकारा पाने का मार्ग प्रशस्त करें।