Russia-Ukraine War Updates: मददगार देशों का ध्यान Israel-Hamas की ओर लग जाने से बुरी तरह फँस गये हैं Zelensky

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प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि रूस और यूक्रेन युद्ध अब किस पड़ाव पर पहुँचा है? इस समय कौन बढ़त लिये हुए है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि फिलहाल युद्ध स्थिर नजर आ रहा है और इसे चलते हुए भले 630 दिन से ज्यादा हो गये हैं लेकिन फिर भी इसके समापन के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों ही पक्षों का अपने रुख पर अड़े रहना दर्शा रहा है कि युद्ध अभी लंबा खिंचेगा।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि ताजा खबर यह है कि यूक्रेन ने दावा किया है कि उसके बलों ने डीनिप्रो नदी के पूर्वी तट पर एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल कर ली है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पश्चिमी देशों से और हथियार देने का आग्रह कर रहा है और उसने इस समय अपने चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को अमेरिका भेजा हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में यूक्रेन का यह दावा करना महत्वपूर्ण है कि वह युद्ध में निर्णायक बढ़त हासिल कर रहा है। उन्होंने कहा कि इससे यूक्रेन के मददगार देशों के बीच यह संदेश जायेगा कि उनका दिया हुआ धन और गन बेकार नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदमीर ज़ेलेंस्की की वेबसाइट के अनुसार, उनके चीफ ऑफ स्टाफ एंड्री यरमैक ने अमेरिका में हडसन इंस्टीट्यूट थिंक टैंक को बताया कि सभी बाधाओं के बावजूद, यूक्रेन के रक्षा बलों ने डीनिप्रो के बाएं (पूर्वी) तट पर पैर जमा लिया है। उन्होंने कहा कि उनका यह बयान यूक्रेन द्वारा खेरसॉन क्षेत्र में डीनिप्रो के पूर्वी तट पर पैर जमाने की पहली आधिकारिक पुष्टि थी। इससे क्रीमिया की ओर एक संभावित मार्ग खुल जाता है। जिस पर 2014 में रूस ने कब्ज़ा कर लिया था और हाल के हफ्तों में यह यूक्रेनी हमलों का केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने क्रीमिया तक की 70% दूरी तय कर ली है।

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि फरवरी 2022 के आक्रमण के शुरुआती दिनों में रूसी सेना ने यूक्रेन के दक्षिणी खेरसॉन क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया था। हालाँकि, पिछले साल के अंत में, वे क्षेत्रीय राजधानी, जिसे खेरसॉन भी कहा जाता है, से बाहर निकल गए और डीनिप्रो के पश्चिमी तट को छोड़ दिया। अब वहां वापस यूक्रेन अपना कब्जा होने का दावा कर रहा है। उन्होंने कहा कि रूसी सेना की बात करें तो उसने अब पूर्वी यूक्रेन पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने अक्टूबर के मध्य से अवदिव्का को निशाना बनाया है और शहर के अधिकारियों का कहना है कि युद्ध-पूर्व की आबादी 32,000 थी पर अब एक भी इमारत बरकरार नहीं बची है। उन्होंने कहा कि ज़ेलेंस्की ने भी अपने संबोधन में कहा है कि अवदीवका सहित पूर्वी डोनेट्स्क क्षेत्र में रूसी हमले “बहुत तीव्र” थे, लेकिन रूस तेजी से जनशक्ति और उपकरण खो रहा है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यूक्रेन दुनिया को बार-बार कह रहा है कि उसे और हथियारों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इजराइल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद से दुनिया का ध्यान यूक्रेन को मदद देने से हट गया है जिससे जेलेंस्की को काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पश्चिमी देशों से अपील कर रहा है कि उसे अभी हथियारों की ज़रूरत है क्योंकि रूस के पास अभी भी हवाई हमलों में श्रेष्ठता है। उन्होंने कहा कि रूस के आक्रमण के बाद से अमेरिका ने यूक्रेन को 46 अरब डॉलर से अधिक की सैन्य सहायता भेजी है। हालाँकि, 7 अक्टूबर को इज़राइल-हमास युद्ध के फैलने के बाद से, अमेरिकी सांसदों ने यूक्रेन को और सहायता देने के बारे में संदेह व्यक्त किया है और इज़राइल को धन पुनर्निर्देशित करने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के लिए फिलहाल राहत की बात यही है कि उसके एक अन्य प्रमुख सहयोगी देश जर्मनी ने हाल ही में अगले साल यूक्रेन को अपनी सैन्य सहायता दोगुनी कर 8.6 अरब डॉलर करने की योजना की घोषणा की है।



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