Atiq Ahmed और Ashraf की क्राइम कुंडली बेहद खौफनाक है, अब तो उसका ISI और Lashkar से संबंध भी सामने आ गया है

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माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या किये जाने के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत गर्मा गयी है। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने अपने सभी सार्वजनिक कार्यक्रम सुरक्षा कारणों से निरस्त कर दिये हैं। इस बीच, आज भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात पर नजर बनाये रखी।
जहां तक प्रयागराज में शनिवार को पुलिस हिरासत में हमलावरों की गोलियों से मारे गये माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की बात है तो एक समय पूरे इलाके में दहशत के प्रतीक रहे यह दोनों भाई अब वाकई मिट्टी में मिल गये हैं। दोनों के शवों को रविवार रात स्थानीय कब्रिस्तान में दफना दिया गया। पुलिस हिरासत के दौरान हुए इस हत्याकांड ने हालांकि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर कई सवाल खड़े किये हैं लेकिन यह भी देखना चाहिए कि जो मारे गये हैं उनका इतिहास कितना दागदार था। अपहरण, जबरन वसूली और हत्या सहित 100 से ज्यादा गंभीर आपराधिक आरोपों से घिरे अतीक अहमद का पाकिस्तान कनेक्शन भी सामने आया है जिसने सभी को चौंका दिया है।

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लश्कर और आईएसआई से कैसे जुड़ा कनेक्शन?
हम आपको बता दें कि अतीक अहमद ने पुलिस पूछताछ के दौरान हाल में स्वीकार भी किया था कि उसके पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंध थे। एक प्राथमिकी में इसकी जानकारी दी गयी है। प्रयागराज के शाहगंज थाने में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में पुलिस ने यह उल्लेख किया है कि अदालत के आदेश पर अतीक अहमद का बयान लिया गया जिसमें उसने स्वीकार किया कि उसका (अतीक का) संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से है। प्राथमिकी में अतीक अहमद के हवाले से दर्ज बयान में कहा गया है, ”पाकिस्तान की आईएसआई द्वारा ड्रोन के माध्यम से पंजाब प्रांत में हथियार गिराये जाते हैं तथा पंजाब में आईएसआई से जुड़ा व्यक्ति उन हथियारों को एकत्र कर कुछ लश्कर-ए-तैयबा को भेजता है तथा कुछ हथियार खालिस्तानी अलगाववादी संगठनों को देता है और उन्हीं में से कुछ हथियार जैसे प्वाइंट 45 बोर की पिस्तौल, एके 47 राइफल, स्टेनगन और आरडीएक्स मुझे भी उपलब्ध कराता है, जिसका मैं भुगतान भी करता हूं।”
अतीक ने पुलिस को बताया, “इन संगठनों के लोग मेरे यहां आते-जाते थे और इन लोगों से आपस में की गयी बात से ये जानकारी प्राप्त हुई थी कि ये लोग देश में कोई बड़ी वारदात करना चाह रहे हैं।” उसने पुलिस को यह भी बताया, “हथियार उपलब्ध कराने वाले आईएसआई और लश्कर से जुड़े कुछ लोगों का पता उसे और कुछ के बारे में उसके भाई अशरफ को मालूम है।’’ पांच बार विधायक रह चुके अतीक ने बयान में स्वीकार किया था कि उन्हीं (लश्कर और आईएसआई) से लिये गये हथियार उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की इस साल फरवरी में हुयी हत्या में इस्तेमाल किया गया था। उसने कहा, ‘‘प्रयोग में लाये गये तथा हत्या के बाद रखे हुए हथियारों का पता हम दोनों लोग साथ चलकर बता सकते हैं, क्योंकि उन जगहों का कोई मकान नंबर नहीं है, जिसे जेल से बता पाना मुमकिन नहीं है। यदि आप (पुलिस) हम दोनों साथ चलें तो हम लोग उन स्थानों की पहचान कर सकते हैं।” 
अतीक और अशरफ का आपराधिक इतिहास
देखा जाये तो अतीक और अशरफ का आपराधिक इतिहास बेहद क्रूर रहा है। अतीक के खिलाफ वर्ष 1979 से अब तक 101 मुकदमा दर्ज हुए जबकि अशरफ के खिलाफ 57 मुकदमे दर्ज थे। यही वजह है कि इनसे पीड़ितों और दुश्मनों की संख्या काफी थी। इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि 2005 में राजू पाल की हत्या के बाद पुलिस जब राजू पाल की बॉडी को लेकर जा रही थी तो उसने 56 किलोमीटर तक उसका पीछा किया था और मेडिकल कॉलेज में भी डेड बॉडी पर गोलियां चलाई थी। साल 1979 में 17 साल की उम्र में अतीक अहमद पर कत्ल का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद तो उसने इतनी तेजी से अपराध की दुनिया में कदम बढ़ाए कि 1985 आते-आते वो प्रयागराज ही नहीं आसपास के जिलों में भी पैर पसारने लगा था। वैसे ही 1989 में चांद बाबा को मार डाला था। 2007 में जब मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे तब अतीक के भाई अशरफ ने 2 लड़कियों को उठा लिया था और रेप किया था। बाद में उन्हें मदरसे में छोड़ गया था।
बहरहाल, अतीक अहमद की हत्या को लेकर सियासी बयानबाजी जारी है। उत्तर प्रदेश के विपक्षी नेताओं के अलावा गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाये हैं। इस क्रम में आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी योगी सरकार पर जमकर बरसे।



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