पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गये हैं और ऐसा लगता है कि यह तनाव और बढ़ा तो यह दोनों देश आपस में ही भिड़ जायेंगे। वैसे भिड़े तो यह अब भी हुए हैं लेकिन जिस तरह के हालात दिख रहे हैं उससे लगता है कि तालिबान किसी भी कीमत पर पाकिस्तान को बख्शने के मूड़ में नहीं है। पहले उसने 1971 के भारत-पाकिस्तान के युद्ध के दौरान की वह चर्चित तस्वीर ट्वीट की जिसमें पाकिस्तानी सेना भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर रही थी। यह तस्वीर ट्वीट कर पाकिस्तान को तालिबान ने संदेश दिया कि यदि उसने हिमाकत की तो हम भी 1971 को दोहराएंगे। लेकिन पाकिस्तान ने तालिबान की चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दे डाली तो तालिबान का गुस्सा एक बार फिर फूट पड़ा है। अफगानिस्तान के टोलो न्यूज के अनुसार, अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात ने पाकिस्तान की हालिया टिप्पणियों को खारिज कर दिया है। इस्लामिक अमीरात के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, “पाकिस्तानी अधिकारी अफगानिस्तान के बारे में गलत बयान दे रहे हैं।” उन्होंने कहा, “पाकिस्तानी पक्ष की भी जिम्मेदारी है कि वह स्थिति को हल करे, आधारहीन बातचीत और भड़काऊ विचारों से बचें, क्योंकि ऐसी बातचीत और अविश्वास किसी भी पक्ष के हित में नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, इस्लामिक अमीरात पूरी कोशिश कर रहा है कि अफगानिस्तान की सरजमीं का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ न किया जाए।
हम आपको बता दें कि अफगानिस्तान का यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि टीटीपी आतंकवादी समूह के पास पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र में 7,000 से 10,000 लड़ाके हैं। राणा सनाउल्लाह ने यह भी कहा कि बागियों के साथ उनके परिवारों के करीब 25 हजार सदस्य हैं। उन्होंने ‘डॉन न्यूज़ टीवी’ से बातचीत करते हुए यह टिप्पणी ऐसे वक्त की जब टीटीपी देशभर में हमले कर रहा है। इसमें राजधानी इस्लामाबाद में हाल में किया गया हमला भी शामिल है। टीटीपी ने नवंबर के बाद से सुरक्षा बलों पर हमले बढ़ा दिए हैं जब उसने पाकिस्तान सरकार के साथ एक महीने का संघर्ष विराम समाप्त कर दिया था। पाकिस्तानी गृह मंत्री ने यह भी कहा कि टीटीपी को अफगान तालिबान की कामयाबी से बल मिला है। हम आपको बता दें कि माना जाता है कि टीटीपी अल-कायदा का करीबी है और वह पाकिस्तान में कई हमले करने का कसूरवार है जिनमें 2009 में सेना मुख्यालय पर हमला, सैन्य ठिकानों पर हमले और 2008 में इस्लामाबाद के मैरिएट होटल में विस्फोट शामिल है। इसके अलावा साल 2014 में, पाकिस्तानी तालिबान ने पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर हमला किया था, जिसमें 131 विद्यार्थियों सहित कम से कम 150 लोगों की मौत हुई थी।
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उधर, आतंकवादियों से मिल रही चुनौतियों को देखते हुए पाकिस्तान के शीर्ष असैन्य और सैन्य नेतृत्व ने देश में आतंकवाद के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाने का संकल्प लिया और हिंसा का सहारा लेने वाले किसी भी और हर तरह के संगठनों से निपटने के अपने दृढ़ संकल्प को दोहराया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की 40वीं बैठक के पहले दौर के बाद दूसरे दौर की अध्यक्षता की। बैठक में सभी सेना प्रमुखों, प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों, खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों और अन्य उच्च अधिकारियों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, समिति को हाल की सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें देश, विशेष रूप से खैबर-पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में आतंकवादी हमलों में वृद्धि की सूचना शामिल है। तहरीक-ए-तालिबान आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान की जमीन के इस्तेमाल का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए बैठक में संकल्प लिया गया कि किसी भी देश को इस तरह की गतिविधियों के लिए अपनी जमीन का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इस बीच, पाकिस्तान ने अपने देश में तालिबानियों की धरपकड़ का अभियान भी तेज कर दिया है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सुरक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे तालिबान के पांच आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है। टीटीपी से जुड़े आतंकवादियों को पंजाब के तीन जिलों- शेखूपुरा, डी.जी. खान और मुल्तान में खुफिया अभियानों के दौरान गिरफ्तार किया गया। ‘काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट’ (सीटीडी) के मुताबिक, उनके कब्जे से नकदी के अलावा आत्मघाती जैकेट, विस्फोटक, हथियार और प्रतिबंधित साहित्य बरामद किये गये हैं। सीटीडी ने कहा कि संदिग्ध आतंकवादी पंजाब के शेखूपुरा, डी.जी. खान और मुल्तान जिलों में सुरक्षा प्रतिष्ठानों (कानून लागू करने वालों) और महत्वपूर्ण इमारतों को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे। सीटीडी ने कहा कि उनके खिलाफ आतंकवाद विरोधी अधिनियम और अन्य धाराओं के तहत भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। इससे एक हफ्ते पहले, सीटीडी ने पंजाब में सात संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से ज्यादातर टीटीपी से संबंधित थे।
बहरहाल, जिस तेजी के साथ अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव और एक दूसरे के प्रति अविश्वास बढ़ता जा रहा है उसकी परिणति युद्ध के रूप में भी हो सकती है इसलिए भारत समेत दुनिया के सभी बड़े देशों की नजर इस क्षेत्र के हालात पर टिकी हुई है।