Prabhasakshi NewsRoom: Bharat Bandh का देशभर में क्या है असर? क्या खुला हुआ है और क्या है बंद?

स्टोरी शेयर करें


संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) सहित कई किसान संघों ने अपनी मांगों को मनवाने के लिए आज भारत बंद का आह्वान किया है। सुबह 6 बजे से शाम चार बजे तक चलने वाली इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल का मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है। भारत बंद के आह्वान को देखते हुए दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किये गये हैं जिसके चलते जरूर हर जगह ट्रैफिक जाम की स्थिति देखने को मिल रही है। सीमाओं पर सुरक्षा बल वाहनों की जांच के बाद ही उन्हें दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दे रहे हैं जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। हरियाणा में किसान संगठनों द्वारा कुछ टोल प्लाजाओं पर प्रदर्शन करने की भी खबरें हैं। हम आपको बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के घटक भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने भी किसानों की कई अधूरी मांगों का हवाला देते हुए भारत बंद का समर्थन किया है। नोएडा स्थित भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) ने भी आज के भारत बंद को समर्थन दिया है। शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक किसान नेताओं के प्रभाव वाले ग्रामीण इलाकों में जरूर बंद का कुछ असर देखा जा रहा है लेकिन व्यापक तौर पर बंद का कोई असर नहीं दिख रहा है।
हम आपको बता दें कि किसान संघों द्वारा भारत बंद के आह्वान के समर्थन में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने अपने कार्यालय और शैक्षणिक संस्थान बंद रखे हैं। इसके अलावा, भारत बंद के मद्देनजर दिल्ली से सटे नोएडा में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिसमें राजनीतिक या धार्मिक सहित अनधिकृत सार्वजनिक सभाओं, जुलूसों या प्रदर्शनों पर प्रतिबंध शामिल है। बताया जा रहा है कि भारत बंद के आह्वान के बावजूद आपातकालीन सेवाएं हमेशा की तरह जारी हैं और अस्पताल, मेडिकल दुकानें और एम्बुलेंस सेवाएं सहित अन्य सेवाएं सामान्य रूप से चल रही हैं। इसके अलावा स्कूल और कॉलेज भी खुले हैं। सीबीएसई की बोर्ड की परीक्षाएं भी शुरू हो चुकी हैं और वह भी सामान्य रूप से चल रही हैं। इसके अलावा बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान भी सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।

इसे भी पढ़ें: Punjab-Haryana Border पर डटे हुए हैं प्रदर्शनकारी, सरकार से किसान नेताओं की बातचीत रही बेनतीजा

इसके अलावा, व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा है कि वह भारत बंद का हिस्सा नहीं होगा और अपना कारोबार हमेशा की तरह करेगा। व्यापारियों के निकाय ने कहा है कि देश भर के सभी बाजार पूरी तरह से चालू हैं जिससे नियमित व्यावसायिक गतिविधियां सामान्य रूप से चल रही हैं। CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि भारत बंद के दौरान व्यापारी अपने प्रतिष्ठान खुले रखेंगे और जनता को आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। इस बीच, दिल्ली जाने वाले और वापस आने वाले यात्रियों से आग्रह किया गया है कि वे असुविधा से बचने के लिए “जहां तक संभव हो” मेट्रो रेल सेवा का उपयोग करें।
किसान-सरकार वार्ता
दूसरी ओर, किसान और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता की बात करें तो आपको बता दें कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर किसान संघों और केन्द्रीय मंत्रियों के बीच तीसरे दौर की वार्ता बृहस्पतिवार देर रात बेनतीजा रही और अब दोनों पक्षों के बीच अगली दौर की बैठक रविवार को होगी। इस बीच किसानों ने पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर डटे रहने का निर्णय किया है। किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच बृहस्पतिवार रात करीब 8:45 बजे बैठक शुरू हुई और पांच घंटे तक जारी रही लेकिन इसमें दोनों पक्षों के बीच कोई सहमति नहीं बनी। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार और किसान नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में बैठक हुई और सकारात्मक चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि अब बैठक रविवार शाम छह बजे होगी। मुंडा ने कहा कि हम साथ बैठ कर कोई हल निकाल लेंगे। हम आपको बता दें कि केन्द्रीय मंत्री मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसान संघों की विभिन्न मांगों पर जारी बातचीत में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में बृहस्पतिवार को आयोजित बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल हुए।
बैठक के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी और कर्ज माफी सहित उनकी मांगों पर विस्तृत चर्चा हुई। पंधेर ने कहा, “उन्होंने (केंद्रीय मंत्रियों ने) कहा कि उन्हें समय चाहिए।” क्या किसान पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर डटे रहेंगे, इस सवाल पर पंधेर ने कहा, “हां”।



स्टोरी शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Pin It on Pinterest

Advertisements