Prabhasakshi NewsRoom: Pak PM ने कहा- देश के लिए उधार माँगते हुए अब शर्म आती है, Pak Media ने बाँधे Modi की तारीफों के पुल

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कोई आखिर मांग-मांग कर कितने दिन खा सकता है? लगता है यह बात अब पाकिस्तान को समझ आ गयी है तभी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि अब तो मित्र देशों से उधार मांगने में शर्म आ चुकी है। अपने परमाणु बम पर इतराने वाला पाकिस्तान इन दिनों भीषण आर्थिक और खाद्य संकट से जूझ रहा है। पाकिस्तान के पास परमाणु बम, आतंकवादी, हथियार आदि तो हैं लेकिन रोटी खाने के लिए आटा नहीं है। पाकिस्तान में आटे की कमी के चलते त्राहिमाम की स्थिति है। देश के अनेक भागों में रोटी और ब्रेड खाये लोगों को कई दिन हो गये हैं ऐसे में लोगों का गुस्सा भी अपनी सरकार पर फूट रहा है। अब तो पाकिस्तानी मीडिया भी खुलकर शहबाज शरीफ सरकार की बखिया उधेड़ने में लग गया है। हाल ही में जर्मनी में दानदाता देशों के सम्मेलन से भी शहबाज शरीफ सिर्फ मदद का आश्वासन लेकर लौटे हैं। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी खत्म होने को है जिससे देश में खाने-पीने की और चीजों की किल्लत भी जल्द होने वाली है। यदि यह संकट बढ़ा तो पाकिस्तान को गृह युद्ध की ओर बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
इस बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि मित्र देशों से और कर्ज मांगने में उन्हें शर्मिंदगी महसूस हो रही है क्योंकि यह नकदी संकट से जूझ रहे देश की आर्थिक चुनौतियों का स्थायी समाधान नहीं है। शहबाज शरीफ पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों के पासिंग आउट समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान अपने संबोधन में इस बात पर खेद जताया कि पिछले 75 वर्षों के दौरान देश की विभिन्न सरकारों ने आर्थिक मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया।

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उन्होंने कहा कि विदेशी ऋण मांगना पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियों का सही समाधान नहीं है क्योंकि ऋण अंततः वापस करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि सही नीतियों को सही समय पर लागू किया गया होता तो सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता था और विदेशी ऋणों से बचा जा सकता था। शहबाज शरीफ हाल में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की यात्रा पर थे और उस दौरान वहां से शेख मोहम्मद बिन जायद ने पाकिस्तान को एक अरब अमेरिकी डॉलर का और ऋण देने की घोषणा की थी।
उधर, पाकिस्तान में चल रहे आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तानी मीडिया खुलकर अपने प्रधानमंत्री की निंदा कर रहा है और पड़ोसी देश भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना कर रहा है। पाकिस्तानी अखबार इस समय प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों और उनके फैसलों की तारीफों से भरे पड़े हैं। पाकिस्तान के एक बड़े समाचार पत्र द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में रक्षा और सुरक्षा विश्लेषक शहजाद चौधरी ने अपने आलेख में लिखा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद दोनों देशों के साथ भारत के अच्छे संबंध हैं और दो महाशक्तियां- अमेरिका और रूस एक सहयोगी के रूप में भारत के साथ खड़े हैं। उन्होंने लिखा है कि भारत मजबूत शक्ति बनता जा रहा है और पाकिस्तान आर्थिक संकट से उबरने के लिए अन्य देशों से मदद मांग रहा है।
शहजाद चौधरी ने यहां तक लिखा है कि अगर मैं हेनरी किसिंजर होता तो भारत पर एक ग्रंथ लिखता क्योंकि एक देश के रूप में भारत के भाग्य में बड़ा बदलाव आया है और भारत मुख्य रूप से एशिया और मोटे तौर पर वैश्विक मंच पर एक बड़े खिलाड़ी के रूप में उभरा है। उन्होंने लिखा है कि विशेष रूप से, भारत ने पिछले साल दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनते हुए ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया और अब भारत ने 2037 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है, जबकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था वैश्विक समुदाय से वित्तीय सहायता पर चल रही है।
पाकिस्तान के अन्य समाचार-पत्रों ने भी कुछ इसी तरह की राय व्यक्त की है। शहजाद चौधरी के इस आलेख ने पाकिस्तान की राजनीति में भी तूफान मचा दिया है। विपक्ष को पाकिस्तान सरकार पर हमला साधने के लिए नये तथ्य मिल गये हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान वैसे भी शुरू से ही भारत की विदेश और आर्थिक नीति को सराहते रहे हैं। मीडिया में भी भारत सरकार की तारीफों के बाद अब वहां नई बहस शुरू हो गयी है। पाकिस्तान के तमाम टीवी चैनल जहां इस मुद्दे पर चर्चा करा रहे हैं वहीं सोशल मीडिया पर भी लोग भारत की तारीफों के पुल बांधने और अपनी सरकार को आईना दिखाने में लगे हुए हैं।



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