वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए रिवर क्रूज गंगा विलास के उद्घाटन के साथ काशी आज नये युग में प्रवेश कर गयी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से दुनिया के सबसे लंबे क्रूज और वाराणसी में टेंट सिटी का उद्घाटन किया साथ ही 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज काशी से डिब्रूगढ़ के बीच दुनिया की सबसे लंबी नदी जल यात्रा गंगा विलास क्रूज का शुभारंभ हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्वी भारत के अनेक पर्यटक स्थल विश्व पर्यटन मानचित्र में और प्रमुखता से आने वाले हैं।
वहीं इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि काशी ने विगत आठ साल में अपनी आत्मा को बनाए रखते हुए एक नये कलेवर में अपने आप को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘इस यात्रा के माध्यम से लोगों को पर्यटन, एडवेंचर और जलमार्ग का रोमांचकारी आनंद मिलेगा। साथ ही भारत के आतिथ्य और सत्कार सेवाओं का भी वे अनुभव करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि इस क्रूज यात्रा से काशी ही नहीं, बल्कि भारत के पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।
हम आपको बता दें कि एम.वी. गंगा विलास वाराणसी से रवाना होकर 51 दिन में करीब 3200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। इस दौरान वह बांग्लादेश भी जाएगा और दोनों देशों की 27 नदी प्रणालियों को पार करेगा। उधर, ऐतिहासिक रिवर क्रूज ‘गंगा विलास’ की यात्रा का साक्षी बनने के लिए 32 विदेशी पर्यटकों का दल वाराणसी पहुँच गया है जहां उनका स्वागत शहनाई की धुन पर मालाएं पहनाकर किया गया। इस क्रूज के निदेशक राज सिंह ने बताया कि इस चलते फिरते पांच सितारा होटल में 18 सुइट कमरे हैं, जिसमें 36 पर्यटक ठहर सकते हैं। इस के अलावा इसमें चालक दल के 40 सदस्यों के रहने की भी व्यवस्था है। इस क्रूज में स्पा, सैलून और जिम जैसी भी सुविधाएं भी हैं। राज सिंह ने बताया कि पर्यटकों को प्रतिदिन 25 से 50 हजार रुपये किराया देना होगा। उन्होंने बताया, ‘‘गंगा विलास क्रूज प्रदूषण मुक्त प्रणाली और शोर नियंत्रण तकनीक से लैस है। इस क्रूज में एसटीपी प्लांट है, जिससे किसी भी तरह का मल जल गंगा में नहीं जाएगा। क्रूज में फिल्ट्रेशन प्लांट लगा है जिससे गंगा जल को शुद्ध कर के उसे नहाने और दूसरे काम में लिया जाएगा।’’ इस क्रूज में 40 हजार लीटर का ईंधन टैंक और 60 हजार लीटर का ताजा पानी का टैंक है।
देखा जाये तो एमवी गंगा विलास क्रूज दुनिया के सामने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए तैयार किया गया है। यह विश्व विरासत स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों… बिहार में पटना, झारखण्ड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों पर 51 दिन की यात्रा करेगा।
जहां तक टेंट सिटी की बात है तो आपको बता दें कि क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं का दोहन करने के लिए गंगा नदी के तट पर टेंट सिटी की परिकल्पना की गई है। यह परियोजना शहर के घाटों के सामने विकसित की गई है जो विशेष रूप से काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन के बाद से वाराणसी में रहने की सुविधा प्रदान करेगी। इसे सार्वजनिक निजी भागीदारी के प्रारूप में वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित किया गया है। पर्यटक आसपास के विभिन्न घाटों से नावों द्वारा टेंट सिटी पहुंचेंगे। टेंट सिटी का संचालन हर साल अक्टूबर से जून तक किया जाएगा और बारिश के मौसम में नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण तीन महीने के लिए इसे हटाया जाएगा। हम आपको बता दें कि गुजरात के कच्छ जैसे विभिन्न स्थानों पर इसी प्रकार की संरचनाओं के मॉडल का अध्ययन करने के बाद यहां टेंट सिटी की स्थापना की गई है। टेंट सिटी में 10 हेक्टेयर के तीन ‘क्लस्टर’ बनाए गए हैं। टेंट सिटी में पर्यटकों की सहूलियत और सुरक्षा का ख़ास ध्यान रखा गया है। टेंट सिटी के एक क्लस्टर में 200 व्यक्तियों के ठहरने की सुविधा होगी। इसमें स्विस कॉटेज, रिसेप्शन एरिया, गेमिंग जोन, रेस्त्रां, डायनिंग एरिया, कॉन्फ्रेंस स्थल, स्पॉ एवं योगा केन्द्र, लाइब्रेरी एवं आर्ट गैलरी के अतिरिक्त वॉटर स्पोर्टस, कैमल, हार्स राइडिंग आदि तथा अन्य सांस्कृतिक एवं स्पोर्ट्स गतिविधियां होंगी।