बिहार में महागठबंधन सरकार बने हुए 5 महीने हो गए हैं। इन सबके बीच इस बात की चर्चा जोरों पर है कि बिहार में नीतीश कुमार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रहे हैं। इसको लेकर कई तरह की खबरें भी आ रही हैं। दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार अपने इस कैबिनेट विस्तार में उपेंद्र कुशवाहा को लेकर कोई बड़ा दांव खेल सकते हैं। दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद जदयू में तो शामिल हो गए। लेकिन अब तक उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली है। कई बार उपेंद्र कुशवाहा के बयानों से यह लगा भी है कि वह कहीं ना कहीं पद नहीं मिलने से नाराज हैं। हालांकि, सवालों का जवाब देते हुए वह साफ तौर पर इससे इंकार करते रहे हैं। इस बार माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अपने कैबिनेट में उपेंद्र कुशवाहा को ना सिर्फ शामिल करेंगे बल्कि उन्हें डिप्टी सीएम भी बना सकते हैं।
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खबर के मुताबिक नीतीश कुमार अपने इस कदम से लव-कुश के सियासी समीकरण को साधने की कोशिश करेंगे। उपेंद्र कुशवाहा नरेंद्र मोदी के सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। ऐसे में उनके अनुभव का भी फायदा उठाना चाहते हैं। उपेंद्र कुशवाहा संगठन के कामकाज को भी अच्छी तरह संभालते हैं। उनके उपमुख्यमंत्री बनने के बाद संगठन और सरकार के बीच तालमेल सही ढंग से हो पाएगी। इसके साथ ही नीतीश कुमार के कुशवाहा वोट पर नजर है। कुशवाहा वोट अब तक भाजपा के पक्ष में ज्यादातर रही है। भाजपा की ओर से सम्राट चौधरी को आगे कर इस वोट बैंक को कायम रखने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा को सरकार में शामिल कर नीतीश कुमार इस वोट बैंक को अपने पास लाने की कोशिश करेंगे।
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कैबिनेट विस्तार को लेकर नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बीच बातचीत भी हो चुकी है। मंत्रिमंडल विस्तार में 1-2 मंत्री भी शपथ ले सकते हैं। राजद कोटे से अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी मंत्री बन सकते हैं। हालांकि कार्तिकेय सिंह के भी चर्चा जोरों पर है। दरअसल, इन दोनों में से किसी को मंत्री बनाकर राजद की ओर से भूमिहार मतदाताओं को साधने की कोशिश होगी। राजद इसके तहत ए टू जेड की पार्टी होने की कोशिश करेगी। कांग्रेस से भी 1-2 नामों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। पहला नाम अजीत शर्मा का है जबकि दूसरा नाम मदन मोहन झा का है। दोनों सवर्ण समाज से ही आते हैं। इसके अलावा कांग्रेस की ओर से शकील अहमद का भी नाम काफी चर्चा में है।