तवांग झड़प के बाद अपने पहले अरुणाचल दौरे से चीन को स्पष्ट संकेत दे गये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

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तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच दिसंबर महीने में हुई झड़प के बाद आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अरुणाचल प्रदेश पहुँचे और एलएसी के पास एक पुल का उद्घाटन कर भारत की रक्षा तैयारियों को बल प्रदान किया तथा अपने संबोधन के माध्यम से चीन को कड़ा संदेश भी दिया। राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया जिनमें सबसे खास सिओम पुल है जोकि सियोम नदी पर बनाया गया है। यह पुल रणनीतिक रूप से भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वास्तविक नियंत्रण रेखा के दूरदराज के क्षेत्रों में सैनिकों को तैनात करने में सहायक होगा।
रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर दिये अपने संबोधन में कहा कि सीमा सड़क संगठन BRO ने जिस भावना और गति के साथ विकास कार्यों को अंजाम दिया है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने की योजना सरकार की प्राथमिकता में है, ताकि वहां रहने वाले लोगों के विकास के साथ-साथ, उनमें व्यवस्था के प्रति विश्वास की भावना विकसित हो सके। रक्षा मंत्री ने सीमा सड़क संगठन द्वारा देश के सीमावर्ती इलाकों में निर्मित 28 मूल ढांचा परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि मुझे बड़ी खुशी और गौरव का अनुभव हो रहा है।

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अरुणाचल प्रदेश के बोलेंग में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के पास देश की सीमा पर विरोधियों की चुनौतियों को विफल करने की पूरी क्षमता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत कभी भी युद्ध को बढ़ावा नहीं देता है और हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहता है। रक्षा मंत्री ने बिना किसी देश का नाम लिये स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि भारतीय सेना में सीमा पर किसी भी चुनौती का सामना करने की क्षमता है और वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
राजनाथ सिंह ने दोहराया कि भारत एक ऐसा देश है जो कभी भी युद्ध को बढ़ावा नहीं देता है और हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहता है। उन्होंने कहा कि यह संस्कृति और संस्कार हमें भगवान राम और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से विरासत में मिला है। हालांकि देश के पास उकसाने पर किसी भी तरह की स्थिति का सामना करने की क्षमता भी है।



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