जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के डांगरी गांव में हाल में हुए आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध तो किये ही जा रहे हैं साथ ही उन्हें हथियार चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर वह आत्मरक्षा कर सकें और संभावित हमलों को विफल कर सकें। ग्रामीण भी बड़े उत्साह के साथ इस प्रशिक्षण अभियान का हिस्सा बन रहे हैं।
हम आपको बता दें कि ग्रामीण इलाकों में रह रहे अल्पसंख्यक हिंदू परिवारों को हथियारों का प्रशिक्षण देने की नौबत इसलिए आई क्योंकि हाल ही में डांगरी गांव में औचक हमले ने सबको हिला कर रख दिया था। इस हमले में सात लोगों की मौत हो गयी थी और 14 अन्य घायल हो गए थे। इसके अलावा इसी सप्ताह राजौरी जिले के गांव मुरादपुर में को संदिग्ध घुसपैठिया एक ग्रामीण के घर में घुस गया। जब उस घर में रहने वाली लड़की ने शोर मचाया तो कौशल नामक ग्रामीण ने हवा में गोलियां चलाईं जिससे घुसपैठिया फरार हो गया। इसके अलावा सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में कुछ बदमाशों द्वारा हिंदुओं के घरों पर पथराव किया गया जिससे इलाके में दहशत फैल गयी थी।
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हम आपको यह भी बता दें कि निगरानी बढ़ाने के उपायों के तहत जम्मू प्रशासन ने मकान मालिकों को निर्देश दिया है कि वे अपने किराएदारों और घरेलू सहायकों का विवरण संबंधित पुलिस थाने में जमा करायें। यह कदम जम्मू में सामने आई उन कई घटनाओं के बाद आया है जिसमें राष्ट्र-विरोधी तत्वों ने किरायेदारों और घरेलू सहायकों की आड़ में आवासीय क्षेत्रों में छिपने का प्रयास किया। जम्मू की जिलाधिकारी अवनी लवासा द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि मकान मालिक आदेश जारी होने के तीन दिनों के भीतर विवरण प्रस्तुत करेंगे।
आदेश में कहा गया है, ‘‘मकान मालिक और किरायेदार दोनों द्वारा हस्ताक्षरित घोषणा पत्र के अनुसार, सभी मकान मालिक इस आदेश के जारी होने के बाद तीन दिनों के भीतर किरायेदारों के विस्तृत विवरणों को संबंधित थाने में व्यक्तिगत रूप से या संबंधित थाना प्रभारी अधिकारी को संबोधित पंजीकृत डाक द्वारा जमा कराएंगे।’’ इसमें कहा गया है कि जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा लवासा के संज्ञान में लाए जाने के बाद यह कदम उठाया गया और ऐसी घटनाओं के बाद सत्यापन करने की तत्काल आवश्यकता है जहां राष्ट्र विरोधी और असामाजिक तत्व किरायेदारों और घरेलू सहायकों की आड़ में आवासीय क्षेत्रों में छिपने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि किरायेदारों और घरेलू सहायकों को अपना परिसर किराए पर देने और उपलब्ध कराने से पहले मकान मालिकों और संपत्ति के मालिकों को जवाबदेह बनाने के लिए कुछ कदम उठाए जाएं।