Xi Jinping पुतिन से बातचीत करने के लिए जाएंगे Russia, यूक्रेन जंग को खत्म करने पर हो सकती है चर्चा

स्टोरी शेयर करें


चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग सोमवार से रूस की यात्रा पर जाएंगे। इस दौरान वह अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ अहम बातचीत करेंगे और वह यूक्रेन में जंग को खत्म करने के लिए शांति वार्ता की पैरवी कर सकते हैं।
वहीं अमेरिका ने शी-पुतिन की बैठक से पहले कहा कि वह यूक्रेन में संघर्ष विराम के आह्वान का विरोध करेगा।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक संक्षिप्त घोषणा में कहा, ‘‘ रूसी संघ के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर राष्ट्रपति चिनफिंग 20 से 22 मार्च तक रूस की राजकीय यात्रा करेंगे।’’

चिनफिंग की यात्रा को पश्चिमी राजधानियों में बीजिंग द्वारा पुतिन के समर्थन के एक शक्तिशाली संकेत के रूप में देखा जाएगा।
नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रपति चिनफिंग के पांच साल के तीसरे कार्यकाल का समर्थन करने के बाद उनकी यह पहली विदेश यात्रा होगी।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध खत्म करने को लेकर क्या चिनफिंग शांति वार्ता की पैरवी करेंगे या नहीं, इस बाबत पूछे गए सवालों का चीन के विदेश मंत्रालय के एक अन्य प्रवक्ता वांग वेनबिन ने पत्रकारों को जवाब दिया, “ हम हमेशा मानते हैं कि संघर्षों और विवादों को सुलझाने का एकमात्र तरीका राजनीतिक संवाद है।”

इस हफ्ते के शुरू में चीन की मदद से सऊदी अरब और ईरान के बीच एक समझौता हुआ और दोनों देश अपनी कटुता को खत्म करने पर राज़ी हुए तथा उनके बीच राजनयिक रिश्ते बहाल हुए।इस घटनाक्रम के बाद चिनफिंग की यह यात्रा हो रही है।
बीजिंग ने यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा नहीं की है और मॉस्को के साथ अपने करीबी राजनीतिक, व्यापारिक और सैन्य रिश्ते कायम रखे हैं।
मॉस्को में भी रूस की सरकार ने चिनफिंग की यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि दोनों नेता रूस और चीन के बीच व्यापक साझेदारी और रणनीतिक बातचीत के संबंध में भविष्य से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ की शुक्रवार की खबर के अनुसार, दोनों पक्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस और चीन के बीच सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर विचारों का आदान प्रदान भी कर सकते हैं।
रूस की समाचार एजेंसी ने यह भी जानकारी दी है कि चीन के नेता की यात्रा के दौरान कई अहम द्विपक्षीय दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर भी किए जाएंगे।
इस घोषणा से एक दिन पहले चीन के विदेश मंत्री छिन कांग ने अपने यूक्रेन के समकक्ष दमित्रो कुलेबा से बातचीत की थी।

इस दौरान गांग ने मॉस्को और कीव के बीच शांति वार्ता का आह्वान किया था।
चीन के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, कांग ने उम्मीद व्यक्त की कि यूक्रेन और रूस के बीच संवाद और बातचीत के लिए दरवाजा खुला रखेंगे और राजनीतिक समाधान के लिए दरवाजा बंद नहीं करेंगे।
कांग के साथ अपनी बातचीत को लेकर कुलेबा ने ट्विटर पर कहा, “हमने क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांत के महत्व पर चर्चा की।”

उन्होंने कहा कि उन्होंने कांग को आक्रामकता को समाप्त करने के लिए ज़ेलेंस्की के शांति फार्मूले को स्थापित करने के महत्व को रेखांकित किया।
यूक्रेन विवाद को समाप्त करने के लिए चीन द्वारा पहले जारी किए गए 12-बिंदु स्थिति पत्र का उल्लेख करते हुए, वांग ने कहा कि दस्तावेज़ यूक्रेन मुद्दे पर चीन की निष्पक्ष और वस्तुनिष्ठ स्थिति को पूरी तरह से बताता है।

उन्होंने कहा, “ लड़ाई के दौरान आग की लपटें भड़काना और एकतरफा प्रतिबंध लगाना मामले को और खराब कर देगा।”
यह पूछे जाने पर कि क्या चिनफिंग शांति समझौते को लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से बात करेंगे, तो वांग ने कहा, “ चीन यूक्रेन संकट पर वस्तुनिष्ठ और निष्पक्ष स्थिति बनाए रखेगा और शांति के लिए वार्ता को बढ़ावा देने में भूमिका निभाएगा।”
उन्होंने कहा, “ चीन की स्थिति अपरिवर्तनीय और स्पष्ट है। हम सभी पक्षों से संपर्क बनाए रखते हैं।”

वांग ने रूस के हथियारों की आपूर्ति करने को लेकर चीन को अमेरिकी चेतावनी पर ध्यान न देते हुए कहा कि चीन-रूस सहयोग इन चीज़ों से ऊपर है और इसमें किसी भी तीसरे पक्ष के दखल की कोई गुंजाइश नहीं है।
अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा चीन-रूस संबंध को नई वैश्विक व्यवस्था के निर्माण के तौर पर बताने और आलोचना करने पर वांग ने कहा, “ चीन-रूस के रिश्ते किसी भी गठबंधन पर आधारित नहीं है और न ही किसी भी तीसरे पक्ष को निशाना बनाना है।”
उन्होंने कहा कि चीन संयुक्त राष्ट्र केंद्रित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर वैश्विक व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्ध है।
यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने पर वांग ने कहा कि चीन संकट के राजनीतिक समाधान के लिए रचनात्मक भूमिका निभाता रहेगा।

इस बीच अमेरिकी समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटिड प्रेस’ की खबर के मुताबिक, अमेरिका ने शुक्रवार को कहा कि वह यूक्रेन में संघर्ष विराम के प्रस्ताव को लेकर चीन के किसी भी प्रयास का ‘रूस की जीत की पुष्टि’ के तौर पर विरोध करेगा।
व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि चिनफिंग को यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से बात कर युद्ध पर उनके देश का नज़रिया जानना चाहिए और ‘एकतरफा” प्रस्तावों से बचना चाहिए।



स्टोरी शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Pin It on Pinterest

Advertisements