US ने Bangladesh में लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव के लिए बनाई नयी वीजा नीति

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अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बांग्लादेश के लिए एक नयी वीजा नीति की घोषणा की है, जिसमें उन लोगों को यात्रा की मंजूरी नहीं दी जाएगी, जिन पर जनवरी 2024 में दक्षिण एशियाई देश में होने वाले चुनाव में व्यवधान पैदा करने की आशंका होगी।
ब्लिंकन ने बांग्लादेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से राष्ट्रीय चुनाव कराने के लक्ष्य का समर्थन करने के लिए आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम के तहत बुधवार को नई नीति की घोषणा की।
उन्होंने कहा, ‘‘इस नीति के तहत अमेरिका ऐसे किसी भी बांग्लादेशी नागरिक को वीजा देने में पांबंदी लगा सकता है, जिसके बारे में उसे लगता है कि वह बांग्लादेश में लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव कराने में बाधा डाल सकता है।’’

ब्लिंकन ने कहा कि वर्तमान और पूर्व बांग्लादेशी अधिकारी, सरकार समर्थक और विपक्षी राजनीतिक दलों के सदस्य, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, न्यायपालिका और सुरक्षा सेवाओं के सदस्य नई नीति के दायरे में आ सकते हैं।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, अमेरिका ने तीन मई को बांग्लादेशी सरकार को इस निर्णय से अवगत करा दिया था।
ब्लिंकन ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष संपन्न चुनाव कराना मतदाताओं, राजनीतिक दलों, सरकार, सुरक्षा बलों, नागरिक समाज और मीडिया की जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं बांग्लादेश में लोकतंत्र को आगे बढ़ाने में प्रयासरत सभी लोगों को अपना समर्थन देने के लिए इस नीति की घोषणा कर रहा हूं।’’
बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. ए. के. अब्दुल मोमेन ने ढाका में बृहस्पतिवार को मीडिया से कहा कि देश में निष्पक्ष चुनावों को बाधित करने वाले लोगों के खिलाफ वीजा प्रतिबंध लगाने संबंधी अमेरिकी चेतावनी प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार की प्रतिबद्धता के लिए मददगार है।
मोमेन ने कहा, ‘‘नई अमेरिकी नीति ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए हमारी (सरकार) स्थिति को मजबूत कर दिया है।’’

उन्होंने कहा कि ‘‘नीति अच्छी है, इसके बारे में चिंता करने की कोई बात नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि इसने बांग्लादेश सरकार पर कोई अतिरिक्त दबाव नहीं डाला है।
इस बीच बांग्लादेश का मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) चुनावों के लिए एक गैर-दलीय कार्यवाहक सरकार को बहाल करने के उद्देश्य से एक अभियान चला रहा है। बीएनपी का आरोप है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के शासन में कोई भी चुनाव स्वतंत्र नहीं हो सकता।
बीएनपी ने यह भी संकल्प जताया है कि वह वर्तमान अवामी लीग नीत सरकार के तहत किसी चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी।



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