No Limit Partnership: भारत को रूस से करके दूर पुतिन के सहारे अपने दुश्मनों से निपटने की योजना बना रहा चीन

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साल 2022 की शुरुआत में पुतिन और जिनपिंग विंटर ओलंपिक में साथ-साथ नजर आए थे। इसके बाद देश-दुनिया में बहुत कुछ हो गया। अब दोनों ने साल की समाप्ति पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुलाकात के साथ समापन भी किया। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इन दिनों रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मजबूरी का फायदा उठाने की कोशिश में लगे हैं। पुतिन के सहारे जिनपिंग अपने दुश्मनों से निपटने की योजना बना रहे हैं। चीन रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग का लाभ लेना चाहता है। 

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चीन के बारे में पूरी दुनिया वाकिफ है कि वो किसी भी मौके को भुनाने में जी-जान लगा देता है। जिनपिंग ने रूस को अपने पाले में करने की कोशिश शुरू कर दी है, वो विश्व के लिए बेहद गंभीर है। पुतिन की मजबूरी का फायदा उठाने की कोशिश हो रही है। भारत जैसे देशों को रूस से दूर करने की साजिश भी रची जा रही है। इसके अलावा अमेरिका के खिलाफ सैन्य गठजोड़ बनाने की भी रणनीति है। जिनपिंग की तरफ से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर चीनी नियंत्रण की चाहत है। चीन रूस को अपने आर्थिक और सैन्य गिरफ्त में लेने की मंशा पाले बैठा है।   

नो लिमिट पार्टनरशिप

रूस-यूक्रेन वॉर के बाद चीन डटकर रूस के साथ खड़ा रहा है। अमेरिका से बदले के लिए पुतिन के साथ जिनपिंग खड़े हैं। चीन का स्टैंड हमेशा से रूस के पक्ष में ही रहा है। चीन और ताइवान के बीच टेंशन में अमेरिका का ताइवान को फुल सपोर्ट है। जिनपिंग ये भलिभांति समझते हैं कि अमेरिका को कोई पटखनी देने वाला है तो वो रूस ही है। इसलिए रूस के साथ खड़ा रहना उसकी मजबूरी भी है।  



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