India-China Relation 2022 Recap । तनाव कम करने के लिए बातचीत से लेकर तवांग झड़प तक, इस साल कुछ ऐसे रहे भारत-चीन के संबंध

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भारत-चीन के बीच संबंधों में हमेशा से ही खटाश रही है, जिसे इस साल भी दोनों देशों ने मिलकर दूर करने की कोशिश की। साल की शुरुआत में एक तरह जहाँ दोनों देशों की सेना पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए बातचीत की। इस बातचीत का नतीजा ये रहा कि दोनों देशों की सेना एलएसी के पास से पीछे हट गई। साल की शुरुआत, जो शांति से हुई थी, वो अंत में फिर से अशांति में बदल गई। गलवान के बाद एक बार फिर से चीन की सेना ने एलएसी पार करने की कोशिश की, जिसका भारतीय सेना ने मुहतोड़ जवाब दिया। सभी घटनाओं को विस्तार से पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें।
बाली में मिले भारत और चीन के विदेश मंत्री, जयशंकर ने उठाया LAC का मुद्दा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की और सीमा की स्थिति सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की। इंडोनेशिया द्वारा बाली में आयोजित की जा रही जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर दोनों नेताओं ने एक घंटे तक बैठक की। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा करने की आवश्यकता से अवगत कराया।
India China Talk: 16वीं मुलाकात, आंखों में आंखें डालकर बात, PP 15, देमचोक, देप्‍संग पर फोकस
भारत और चीन के बीच कमांडर लेवल की बैठक लद्दाख में चल रही है। कोर कमांडर लेवल की 16वें दौर की बैठक लद्दाख के चूशूल माल्डो में हो रही है। इस मीटिंग से उम्मीदें बहुत ज्यादा हैं।  चार महीने के बाद दोनों पक्षों की ओर से बैठक हो रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस मीटिंग में कुछ मुद्दों पर सहमति बन जाए। पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 जहां पर पिछले दो साल से भारत और चीन के सैनिक आमने सामने तैनात हैं।
चीन ने LAC पर भेजे लड़ाकू विमान, अब मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत S-400 मिसाइल एयर डिफेंस सिस्‍टम करेगा तैनात
एक तरफ भारत और चीन की सेना पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए बातचीत कर रही है। वहीं दूसरी तरफ चीन की वायुसेना ने एलएसी के पास लड़ाकू विमान भेज दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना के ये लड़ाकू विमान पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एलएसी के बहुत ही करीब उड़ान भरते नजर आए। लेकिन अब चीन को भी मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने भी अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है।
पैंगोंग झील के पास चीन ने इंफ्रास्ट्रक्चर को दी गति, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा, बना रहा सड़कें, पुल और टावर
पूर्वी लद्दाख जहां चीन और भारत एलएसी के बहुत करीब दोनों तरफ से नजरें गड़ाए बैठे हैं। पैंगोंग लेक से एक बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है। इस इलाके की सैटेलाइट तस्वीरों से कई चौंकाने वाली बात सामने आई हैं। चीन पैंगोंग झील के पास अवैध निर्माण कर रहा है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि चीन एलएसी के पास नई सड़कें, पुल और टॉवर्स बना रहा है।
गोगरा हॉट स्प्रिंग्स से पूरी तरह हटे भारत-चीनी सैनिक, गिराए गए बंकर
भारत और चीन गोगरा-हॉटस्प्रिंग में पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 से 12 सितंबर तक डिसइंगेजमेंट पूरा हो गया। अधिकारियों ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि इलाके में जो अस्थाई ढांचा बनाया गया था उसे गिरा दिया गया है। इस इलाके की पूरी जमीन समतल कर दी गई है। साथ ही दोनों देश सेना की वापसी के मुद्दे की समीक्षा के लिए आने वाले दिनों में क्षेत्र का संयुक्त रूप से परीक्षण करेंगे।
घुसपैठ की कोशिश, चीनी साजिश और पत्थरबाजी, जहां भिड़े भारत और चीन के जवान, वहां की सामने आई सैटेलाइट तस्वीरें
दिसंबर 2022 में अरुणाचल प्रदेश में, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के लोग आश्चर्य में थे। हाई रेजोल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरें, विशेष रूप से संघर्ष के दिन ली गई, एक अलग कहानी बताती हैं, जहां घुसपैठ करने वाली पीएलए पार्टी को कई अग्रिम स्थानों पर फैले क्षेत्र में एक बड़ी भारतीय उपस्थिति के साथ मिलने की संभावना थी। चीनी सैनिक पूरी तैयारी से भारतीय सेना पर हमला करना आए थे लेकिन भारतीय सेना ने पीएलए सेना को एलएसी से खदेड़ दिया।
India-China Clash | तवांग पोस्ट पर कब्जा करने के इरादे से आयी थी चीनी PLA, भारतीय सैनिकों ने चखा दिया हार का स्वाद, उल्टे पैर चीनियों को वापस दौड़ाया
भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिसमें ‘‘दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए।’’ भारतीय सेना ने सोमवार को यह जानकारी दी। पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच पिछले शुक्रवार को संवेदनशील क्षेत्र में एलएसी (लाइन ऑफ एक्जुअल कंट्रोल) पर यांग्त्से के पास झड़प हुई।
5 साल में 3 बार ड्रैगन की हुई हार, तवांग से पहले गलवान और डोकलाम में भी चीन ने टेक दिए थे घुटने
अरुणाचल प्रदेश का विवाद पहली बार सामने नहीं आया है। तवांग सीमा विवाद काफी पुराना है। 90 हजार वर्ग किलोमीटर पर चीन की तरफ से दावा किया जाता है। सीमा पर चीन की तरफ से इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत ही तेजी से डेवलप किया जा रहा है। चीन सीमा पर सड़क, रेल, एयर कनेक्टिविटी बढ़ाई है और एलएसी के पास अरुणाचल प्रदेश की तरफ चीन ने बुलेट ट्रेन तक पहुंचा दी है और गांव भी बसा दी है।
Tawang में झड़प के बाद चीन की तरफ से आया बड़ा बयान, भारतीय सीमा पर स्थिति को लेकर कही ये बात
झड़प की खबरों के बाद चीन ने कहा कि भारत सीमा पर स्थिति ‘स्थिर’ है। 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवान सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के आमने-सामने होने के बाद चीन की यह पहली प्रतिक्रिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, “जहां तक ​​हम समझते हैं, चीन-भारत सीमा की स्थिति समग्र रूप से स्थिर है।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, दोनों पक्षों ने “कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से सीमा मुद्दे पर अबाधित बातचीत बनाए रखी।
Prabhasakshi NewsRoom: LAC पर तनाव के बीच भारतीय सेना और वायुसेना का जोरदार युद्धाभ्यास
चीन की सारी हेकड़ी निकालने के लिए भारतीय सेना सदैव तत्पर रहती है और अपनी तैयारियों में कभी कोई कमी नहीं आने देती। अब चूंकि यह नया घटनाक्रम तवांग से सामने आया है इसलिए आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना पूर्वोत्तर में आज से दो दिवसीय अभ्यास करेगी जिसमें एलएसी के करीब सभी युद्धक विमान और इस क्षेत्र में तैनात अन्य संसाधन शामिल किये जाएंगे। सूत्रों ने कहा है कि इस अभ्यास का मकसद भारतीय वायुसेना की समग्र युद्धक क्षमता और इस क्षेत्र में सैन्य तैयारियों को परखना है।
Line of Actual Control: तवांग, मैकमोहन रेखा और एलएसी, कैसा रहा इतिहास और वर्तमान की क्या चुनौतियां हैं
चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र का हिस्सा होने का दावा करता है और इसे दक्षिण तिब्बत बताता है। वो तवांग को तिब्बत और उसके बौद्ध नेतृत्व पर नियंत्रण के लिए रणनीतिक महत्व के क्षेत्र के रूप में देखता है। तवांग में बौद्ध मठ भारत का सबसे बड़ा मठ है,और 2017 में बीजिंग के गुस्से भरे प्रदर्शनों के बीच दलाई लामा ने वहां एक महीने से अधिक समय बिताया। तवांग और अरुणाचल का विवाद मैकमोहन रेखा पर भारत-चीन विवाद से जुड़ा है।



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