ऋषभ पंत जब आउट हुए तब 35वां ओवर चल रहा था। भारत को जीत के लिए 16 ओवर में 116 रन और चाहिए थे। नए ओवर की जिम्मेदारी मीडियम पेसर फेलुकवायो को दी गई। इससे पहले ही ओवर में श्रेयस अय्यर के रूप में भारत को करारा झटका लगा था। अच्छी बल्लेबाजी कर रहे श्रेयस अय्यर (17 गेंद में 17 रन) को एनगिडी ने निपटाया था। यहां से सारी जवाबदारी ऋषभ पंत के कंधों पर आ गई थी। मगर प्रोटिज की चाल कामयाब रही।
दरअसल, मध्यम तेज गति के गेंदबाज होने के बावजूद फेलुकवायो ने विकेटकीपर क्विंटन डिकॉक को स्टंप्स के करीब तैनात करवा दिया। शायद उन्हें पता था कि बड़े शॉट्स लगाने वाले ऋषभ पंत खुद को रोक नहीं पाएंगे। पहली ही बॉल लेग साइड की ओर फेंकी, जिस पर क्रीज से आगे निकलकर शॉट मारने की फिराक में ऋषभ पंत बुरी तरह चूक गए। डिकॉक ने फुर्ती दिखाते हुए चंद सेकेंड में ही गिल्लियां बिखेर दीं।
यही मैच का टर्निंग पॉइंट भी रहा क्योंकि नए बल्लेबाज वेंकटेश अय्यर के साथ अगर ऋषभ पंत साझेदारी करते तो भारत को आसानी से जीत की राह दिखा सकते थे। उनके 22 गेंद में 16 रन बनाकर आउट होते ही टीम दबाव में आ गई। अब कोई ऐसा खिलाड़ी नहीं बचा था, जिसे विशुद्ध रूप से बल्लेबाज कहा जा सके। साउथ अफ्रीकी टीम ने इसी कमजोरी का फायदा उठाया। भारत की ओर से ओपनर शिखर धवन ने सर्वाधिक 79 रन बनाए जबकि पूर्व कप्तान विराट कोहली ने भी 51 रनों की पारी खेली।