अनूपपुर। स्वास्थ्य विभाग की गैर जिम्मेदाराना कार्यप्रणाली अब योजना से लाभ लेने वाले हितग्राहियों के लिए मुुुुुुुुसीबत बन गई है। अधिकारियों ने अपने अनुसार कार्य को अंजाम देना आरम्भ कर दिया है, जिसमें मरीजों व उसके परिजनों की परेशानियों से उन्हें कोई वास्ता नहीं रह गया है। लेकिन इन कार्य प्रणालियों में जिला प्रशासन की मुक भागीदारी से भी इंकार नहीं किया जा सकता। हाल के दिनों में विकासखंडों में आयोजित हुई नसबंदी शिविर में लापरवाही सामने आई, बावजूद स्वास्थ्य अधिकारियों ने उसे सुधार की गुजाईश नहीं समझी। वहीं रविवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फुनगा में आयोजित नसबंदी शिविर में भी स्वास्थ्य अधिकारियों ने हद की सीमा ही पार कर दी। कंपकपाती सर्द में अपने छोटे बच्चों को लेकर नसबंदी शिविर पहुंची महिलाओं को ऑपरेशन के लिए पांच घंटे से अधिक समय का इंतजार करना पड़ा। उनके साथ आए परिजन स्वास्थ्य केन्द्र की ओर भाग दौडक़र डॉक्टरों के पहुंचने के सम्बंध में जानकारी जुटाते रहे। लेकिन आश्चर्य स्वास्थ्य अमला ९ बजे की बजाय दोपहर पहुंचा। महिलाओं ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से सुबह ९ बजे तक आशा कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचने के निर्देश दिए गए थे। जिसमें दूर-दराज की ग्रामीण महिलाओं ने कंपकपाती ठंड में भूखे-प्यासे अपने छोटे-छोटे बच्चों, परिजनों व आशा कार्यकर्ता के साथ फुनगा स्वास्थ्य केन्द्र पहुंची थी। लेकिन यहां आने पर देखा कि स्वास्थ्य केन्द्र का दरवाजा तक नहीं खुला था। महिलाएं स्वास्थ्य केन्द्र के बाहर ही बैठक डॉक्टरों का इंतजार करनी लगी। दोपहर शिविर में 70 मरीजों का नसबंदी ऑपरेशन के लिए पंजीयन किया गया। लेकिन यह ऑपरेशन दोपहर 3 बजे के बाद आरम्भ हो सका।
बॉक्स: अधिकारियों ने दी दलील, देर से पहुंचती है महिलाएं
पत्रिका की पड़ताल में जब चिकित्सक हरिशंकर वस्त्रकार से पूछताछ की गई तो उन्होंने अजीब दलील देते हुए बताया कि ग्रामीण महिलाएं समय पर नहीं पहुंच पाती है। इसलिए देर हुई। जबकि महिलाओं से पूछताछ में यह बात सामने आई कि नसबंदी के लिए चयनित सभी महिलाएं सुबह ही अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं के साथ स्वास्थ्य केन्द्र पहुंच चुकी थी। सुबह आने के दौरान महिलाओं को कितने बजे तक पंजीयन कराना है और कितने बजे से आरम्भ किया जाना था कोई जानकारी नहीं दी गई। वहीं विभागीय सूत्रों की जानकारी के अनुसार इस शिविर के लिए उमरिया जिले के सर्जन को बुलाया गया था। लेकिन सूचना बाद भी सर्जन दोपहर बाद अनूपपुर पहुंचे। परिणामस्वरूप दोपहर तक महिलाएं ऑपरेशन के लिए परेशान रही।
बॉक्स: पूर्व जारी गाइडलाइन का अधिकारियों ने क्यों नहीं किया पालन
नसबंदी शिविर से पूर्व में ही सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में बैठक आयोजित कर पूरी गाइडलाइन के अनुसार तिथियां और समय निर्धारण किया गया था। रविवार को फुनगा स्वास्थ्य केन्द्र में नसबंदी शिविर आयोजित की गई थी, बावजूद स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों ने तय तिथि और समय का पालन क्यों नहीं किया। चिकित्सालय गेट पर सुबह से महिलाएं छोटे बच्चों को लेकर चिकित्सकों के पहुंचने का इंतजार करती रही। ठंड के इस मौसम में छोटे बच्चों को जहां काफी हिफाजत से रखना पड़ता है वही चिकित्सालय प्रबंधन की लेटलतीफी के कारण उन्हें परेशानी उठानी पड़ी।
वर्सन:
जिले में सर्जन नहीं है, उमरिया जिले के सर्जन को बुलाया था, वह देर से पहुंचे इसलिए ऑपरेशन विलम्ब से आरम्भ हुआ।
डॉ. बीडी सोनवानी, सीएमएचओ अनूपपुर।
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