रीवा. कोरोना काल के एक अप्रैल से 30 नवंबर की अवधि में जिले में 27 हजार 822 प्रसव हुए। ये सभी संस्थागत प्रसव के आंकड़े हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमएल गुप्ता के अनुसार सभी गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की इस दौरान विशेष निगरानी रखी गई। इस कार्य में स्वास्थ्य एवं बाल विकास विभाग ने पूरी संजीदगी से अपने कार्य को अंजाम दिया। नियमित अंतराल पर गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच व टीकाकरण आदि होता रहा।
आशा कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के सहयोग से गर्भवती महिलाओं को निरंतर संस्थागत प्रसव की सुविधा दी जाती रही है। जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक लेकर आने तथा प्रसव के बाद घर तक पहुंचाने के लिए निःशुल्क सुविधा दी गई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि रीवा जिले में एक अप्रैल से 30 नवंबर के बीच विकासखंड गंगेव में 2098, हनुमना में 3099, जवा में 2614, मऊगंज में 2733 तथा विकासखंड नईगढ़ी में 2039 संस्थागत प्रसव हुए। इसी अवधि में विकासखंड रायपुर कर्चुलियान में 1860, विकासखंड रीवा में 8510, विकासखंड सिरमौर में 2890 तथा विकासखंड त्योंथर में 2032 संस्थागत प्रसव हुए। इसी अवधि में विकासखंड गंगेव में 108, हनुमना में 121, जवा में 28, मऊगंज में 74, नईगढ़ी में 26, रायपुर कर्चुलियान में 118, विकासखंड रीवा में 174, सिरमौर में 83 तथा विकासखंड त्योंथर में 201 प्रसव घर पर हुए हैं। प्रसव के बाद इन्हें उपचार, टीकाकरण तथा अन्य सुविधाए उपलब्ध कराई गईं।