सिंचाई की बड़ी परियोजना में जमीन की समस्या, काम की रफ्तार हुई सुस्त

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सिंगरौली. जिले के लिए बहुप्रतीक्षित व विशाल गोंड सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य नए वर्ष में शुरू होने का संकेत है। हालांकि इससे पहले जल संसाधन विभाग को परियोजना के मुख्य स्थल के पास निर्माण कार्य शुरू करने से पहले आधारभूत वर्कशॉप के लिए लगभग 45 एकड़ भूमि की आवश्यकता आन पड़ी है। विभाग ने जिला प्रशासन से परियोजना का निर्माण कार्य शुरू करने से पहले वर्कशॉप के लिए गांव जालपानी के पास इतनी भूमि उपलब्ध कराने को लेकर आग्रह किया है।

विभाग वर्कशॉप के लिए मिलने वाली भूमि का कई वर्ष तक उपयोग करने की मंजूरी भी चाहता है। इसे लेकर कुछ समय पहले विभाग की ओर से जिला प्रशासन को लिखित आग्रह किया गया है। जिले में सरई तहसील अंतर्गत गांव जालपानी के पास गोपद नदी पर गोंड सिंचाई परियोजना का निर्माण होना है। निर्माण कार्य शुरू करने से पहले वहां जरूरी मशीनों, उपकरण व अन्य सामग्री को सुरक्षित रखने व मशीनों के उपयोग और स्टोर के लिए बड़े क्षेत्र में वर्कशॉप बनाया जाना है।

यह पूर्णतया अस्थाई होगा और यहां विभाग की ओर से मंजूर निर्माण कार्य से संबंधित ठेकेदार फर्म की मशीनें, कच्ची सामग्री, निर्माण सामग्री अन्य उपकरण आदि स्थापित किए जाएंगे। यही परियोजना के निर्माण कार्य से संबंधित गतिविधियों का संचालन भी किया जाएगा और स्टोर भी बनाया जाएगा। इसके चलते परियोजना का निर्माण कार्य विधिवत शुरू करने से पहले विभाग को वर्कशॉप के लिए परियोजना स्थल के पास लंबी चौड़ी भूमि की जरूरत हुई है।

बताया गया कि प्रशासन से वांछित भूमि के उपयोग की अनुमति मिलने के बाद विभाग के निर्देशानुसार संबंधित ठेकेदार फर्म की ओर से वहां वर्कशॉप स्थापित किया जाएगा। इसके बाद वहां निर्माण कार्य से संबंधित मशीनें, उपकरण व सामग्री आदि का संचय कर निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। विभागीय सूत्रों के अनुसार इस परियोजना का निर्माण कार्य नए वर्ष में शुरू कराए जाने की तैयारी है। ताकि निर्माण में और विलंब को टाला जा सके।

बताया गया कि वर्कशॉप के लिए वांछित भूमि तक पहुंचने के लिए रास्ते में पडऩे वाली लगभग दो दर्जन किसानों की निजी भूमि का मामला पेच बन गया है। वर्कशॉप की भूमि तक पहुंचने के लिए इन किसानों के खेतों से निकलने वाले रास्ते को चौड़ा कर उपयोग में लिया जाना है। इसी रास्ते से मशीनें व निर्माण सामग्री को वर्कशॉप तक ले जाया जाना है। इसके लिए जल संसाधन विभाग के स्तर पर भी संबंधित भूमि मालिक किसानों से सहमति बनाने के लिए प्रयास शुरू किया गया है। संबंधित किसानों की सहमति के बाद ही रास्ते की लगभग एक हेक्टेयर भूमि के उपयोग का मामला साफ हो सकेगा।

सबसे बड़ी परियोजना
उल्लेखनीय है कि गोंड परियोजना इस जिले के लिए अब तक की सबसे बड़ी परियोजना है। इससे सिंगरौली ही नहीं सीधी जिले के भी लगभग 120 गांवों के किसानों को भी लाभ मिलेगा। इससे सिंगरौली जिले में सरई और सीधी जिले में कुसमी तहसील की लगभग 35 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा मिले सकेगी। इसलिए ही जिले के किसानों को गोंड सिंचाई परियोजना का निर्माण जल्द शुरू होने और इसके तय समय पर पूरा होने का उत्सुकता से इंतजार है।



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