खरीद केंद्रों पर नहीं जले अलाव, कड़ाके की ठंड में ठिठुर रहा अन्नदाता

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रीवा. जिले में उपज तौल करने खरीद केन्द्रों पर ट्रैक्टर लेकर खड़े किसान कड़ाके की ठंड में ठिठुर रहे। मोबाइल पर मैसेज पहुंचने के बाद कई दिन तक केन्द्रों पर उपज तौल के लिए रतजगा कर रहे हैं। रात में उपज लेकर खड़े अन्नदाता तौल होने के साथ ही केन्दों पर सुबह और शाम अलावा जलाने की मांग की है। इधर, जिला प्रशासन की नाइट पेट्रोलियम टीम को ठंड लगने से रजाई में घुसी है। जिससे बाहरी धान केन्द्रों तक पहुंच रही है।
22 लाख से अधिक हो चुकी तौल
खरीद केन्द्रों पर 27 दिसंबर की स्थित में 44,894 किसान 22 लाख क्विंटल से अधिक की तौल कर चुके हैं। जबकि 50 हजार से अधिक किसानों को मैसेज भेजा 27 जनवरी की स्थित में भेजा गया है। किसानों के मोबाइल पर भेजे गए मैसेज की तुलना में अभी पांच हजार से अधिक किसानों की केन्द्रों पर उपज की तौल नहीं हो सकी है। दो दिन पहले त्योथर क्षेत्र के किसान केन्द्र पर रात में ठहरने की तस्वीकर कलेक्टर के वाट्सऐप पर भेजकर जानकारी दी कि वह तीन दिन से केन्द्र पर उपज की तौल के लिए रातभर उपज की तकवारी कर रहा है।
कलेक्टर के हस्तक्षेप पर हुई तौल
मामले में कलेक्टर इलैयाराजा टी के हस्तक्षेप पर सहकारिता के अधिकारियों ने किसान को रात में भी फोन कर दूसरे दिन तौल का आश्वासन दिया। कलेक्टर के हस्तक्षेप पर किसान की तौल हो गई। लेकिन, तराई अंचल के अधिकांश केन्द्रों पर अलग-अलग खरीद केन्द्रों पर किसान तौल के लिए कई दिनों से केन्द्रों पर खड़े हैं। कड़ाके की ठंड में ठिठुर रहे हैं।

4 लाख से अधिक धान केन्द्रों पर डंप, तौल की प्रगति धीमी
जिले में 124 केन्द्रों पर तौल हो रही है। आज की स्थित में करीब 45 हजार से अधिक किसान केन्द्रों पर पहुंच हैं। 44 हजार से अधिक किसानों की तौल हो चुकी है। कुछ केन्द्रों को छोड़ दे अधिकतर केन्द्रों पर धान का उठाव नहीं होने से बड़ी मात्रा में धान के बोरे रखे हुए हैं। जिससे केन्द्र पर धान रखने की जगह नहीं है। रेकार्ड के मुताबिक 22 लाख क्विंटल से अधिक तौल हो चुकी है। उठाव करीब 18 लाख क्विंटल हुआ है। केन्द्रों पर अभी चार लाख क्विंटल से अधिक की धान रखी हुई है। कलेक्टर की चेतावनी के बाद भी परिवहनकर्ता लापरवाह बने हुए हैं।

नाइट वॉच पेट्रोलिंग टीम को लगी ठंड
जिले में कलेक्टर ने केन्द्रों पर चुपके से धान की तौल करने वालों पर नजर रखने के लिए नाइट वॉच पेट्रोलियम टीम बनाई है। जिला स्तर के अधिकारियों को नोडल बनाया गया है। कुछ को छोड़ दे तो ज्यादातर नोडल अधिकारियों को ठंड लग गई है। जिससे वह रजाई में घुसकर निगरानी कर रहे हैं। जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में वर्तमान समय में फिर बाहर से धान की खेप आने लगी है।



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