सिंगरौली. शहरी क्षेत्र में ऐसे रहवासियों की संख्या हजारों में है, जो शासन की ओर से उपलब्ध कराए जा रहे राशन से वंचित है। हितग्राहियों को राशन नसीब नहीं हाने का मामला शासन स्तर तक पहुंच गया है। अधिकारियों की उदासीनता के चलते बनी इस स्थिति को लेकर कलेक्टर राजीव रंजन मीना काफी खफा हैं। उन्होंने अधिकारियों से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है।
कलेक्टर के सख्त रवैए को लेकर नगर निगम के अधिकारियों में खलबली मची हुई है। कलेक्टर तक पहुंची शिकायत के मुताबिक वार्ड 26 के दसौती गांव के 123 परिवारों का नाम खाद्यान्न सूची से कट गया है। इसका नतीजा यह रहा कि पिछले कई महीनों से इन सभी परिवार को राशन नसीब नहीं हो रहा है।
पीडि़तों द्वारा निगम अधिकारियों से इस बात की शिकायत की गई, लेकिन नतीजा सिफर रहा। मजबूर होकर पीडि़त परिवारों में से कुछ ने शासन स्तर पर इसकी शिकायत कर दी। साथ ही कुछ लोगों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से खाद्यान्न सूची में नाम जुड़वाने और राशन दिलवाने की गुहार लगाई।
तब मामला कलेक्टर राजीव रंजन मीना तक पहुंचा। कलेक्टर ने जब इस मामले में जांच पड़ताल शुरू की तो नगर निगम अधिकारियों ने खलबली मच गई। फिलहाल कलेक्टर ने इस मामले में अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। इस पूरे मामले में राजस्व अधिकारी आरपी वैश्य कटघरे में हैं।
हितग्राहियों को राशन दिलाने की मांग
कलेक्टर ने नगर निगम आयुक्त आरपी सिंह को निर्देश दिया है कि वह राशन से वंचित हितग्राहियों का नाम खाद्यान्न सूची में अंकित कराएं और पात्रता पर्ची जारी कराते हुए सभी 123 परिवारों को राशन दिलाएं। इससे संबंधित प्रक्रिया पूरी कर कलेक्टर ने जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।
निगम द्वारा कराया जा रहा सत्यापन
कलेक्टर के निर्देश पर नगर निगम अधिकारियों ने वार्ड में संबंधित परिवारों का सत्यापन कराना शुरू किया है। वार्ड प्रभारी को घर-घर जाकर परिवार को सदस्यों का सत्यापन करने को लगाया गया है। सत्यापन के बाद ही खाद्यान्न सूची में हितग्राहियों का नाम शामिल किया जा सकेगा।
कलेक्टर ने दिया कार्रवाई का भी निर्देश
इस पूरे मामले में कलेक्टर ने जिम्मेदार अधिकारी को चिन्हित करने और कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है। फिलहाल निगम अधिकारी अभी इस कवायद में जुटे हैं कि जल्द से जल्द हितग्राहियों को खाद्यान्न सूची में शामिल किया जाए। ताकि अगले महीने का राशन उन्हें उपलब्ध हो सके।