अनूपपुर। कोरोना संक्रमण को देखते हुए शासन द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों को बंद किया गया है। साथ ही एमडीएम के रूप में दिए जाने वाले पोषण आहार को छात्र छात्राओं को समूह के द्वारा घर-घर वितरित कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन समूह संचालक इसमें भी मनमानी करते हुए छात्र छात्राओं को कीड़ा तथा घुन लगा हुआ राशन वितरित कर रही है। बताया जाता है कि एमडीएम पोषण आहार की आड़ में बच्चों को बांटा जा रहा अनाज उपयोग लायक नहीं है। इसे लेकर अभिभावकों ने भी आपत्ति दर्ज कराई है। बताया जाता है कि शासन द्वारा प्रत्येक छात्र छात्राओं के लिए पैकेट में दाल तेल एवं 5 किलो चावल दिए जाने का निर्देश दिया गया है। जिसमें अनूपपुर जनपद के ग्राम पंचायत भाद के महिला स्व सहायता समूह द्वारा घर पर बैठकर बिना तराजू के तौल किए प्रत्येक छात्र छात्राओं को अनाज का वितरित किया जा रहा है। जबकि शासन द्वारा प्रत्येक छात्र छात्राओं के लिए पैकेट में दाल तेल एवं 5 किलो चावल 2 माह का वितरित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन स्व सहायता समूह के द्वारा घुन लगा हुआ चावल दिया जा रहा है। जिसके नापतौल में भी गड़बड़ी करते हुए कम मात्रा में पोषण आहार प्रदान किया जा रहा है।
बॉक्स: अभिभावकों ने जताई नाराजगी
इस मामले को लेकर अभिभावको ने स्व सहायता समूह की मनमानी को लेकर आपत्ति जताते हुए मामले की शिकायत विद्यालय के शिक्षकों से भी दर्ज कराई है। अभिभावक हंस लाल केवट ने बताया कि समूह के द्वारा उन्हें घटिया किस्म का चावल जिसमें कीड़े लगे हुए थे दिया गया है। साथ ही 5 किलो की जगह 500 ग्राम कम चावल प्रदान किया गया। अभिभावकों ने बताया गया कि प्राथमिक विद्यालय भाद में 122 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं जिन्हें अक्टूबर और नवंबर माह का पोषण आहार समूह के द्वारा घर पहुंचा कर देना था। लेकिन समूह के द्वारा ऐसा नहीं किया गया। जिन अभिभावकों को जानकारी मिल गई वह अपना पोषण आहार ले आए और बांकी को अभी तक नहीं मिल सका है।
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