शहडोल. ग्रामीण अंचल में महिलाएं एनीमिया का दंश झेल रही हैं। गर्भ काल शुरू होते ही महिलाएं एनीमिया का शिकार हो जाती हैं। कई बार तो हीमोग्लोबिन का स्तर पांच तक पहुंच जाता है। स्थिति यह है कि महिलाओं को अलग से आयरन सुक्रोज चढ़ाना पड़ता है। सीएमएचओ ने ग्रामीण अंचल में सर्वे कराने के साथ 100 से ज्यादा महिलाओं को आयरन सुक्रोज लगवाया है। संभाग में इस तरह कैंप लगाकर आयरन सुक्रोज लगाने का पहला मामला है। जिले को एनीमिया मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कार्ययोजना बनाकर चिन्हित एनीतिक महिलाओं को आयरन सुक्रोज लगाने की पहल की है। स्वास्थ्य विभाग ने अभियान चलाकर लगभग 112 एनीमिक महिलाओं को आयर सुक्रोज लगवाया है। सीएमएचओ डॉ एस एस सागर द्वारा जिले के चार ब्लॉक ब्यौहारी, गोहपारू, जयसिंहनगर और बुढ़ार में एक साथ अभियान चलाकर एनेमिया से ग्रसित महिलाओं को चिन्हाकन कराया गया। जिसके बाद आयरन गोली के अलावा आयरन सुक्रोज दवा दी गई। इस अभियान के तहत एक दिन में कुल 112 एनीमिक महिलाओं को आयरन सुक्रोज लगाया गया। आयरन सुक्रोज दवा प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा अपनी निगरानी में बोतल के रूप में संबंधित मरीज को सीधे नस में चढ़ाई गई। इस दवा से मरीज का 24 घंटे में हीमोग्लोबिन बढ जाता है और एनीमिया में सुधार हो जाता है।
महिलाएं एनीमिया से ग्रसित मिली थी। हमने सर्वे कराने के साथ ही इलाज शुरू कर दिया है। पूरे जिले में अभियान चला रहे हैं। पहले दिन विभाग ने 112 महिलाओं को आयरन सुक्रोज चढ़ाया है।
डॉ एमएस सागर, सीएमएचओ