महापौर के लिए 14 प्रत्याशी
निकाय चुनाव की नामांकन प्रक्रिया संपन्न होने के बाद रीवा नगर निगम की अनारक्षित सीट से 14 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमाने के लिए मैदान में उतर चुके हैं। अब राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं। उम्मीदवार चुनावी वादे और दावों के साथ मैदान में उतर चुके हैं। इन सबके बीच एक चाय बेचने वाले ने महापौर बनने का दावा पेश किया है और शहर की मूलभूत समस्याओं को अपना चुनावी मुद्दा बनाया है।
लोगों का ध्यान खींच रहा चाय बेचने वाला उम्मीदवार
रीवा के मुख्य बाजार शिल्पी प्लाजा पर विगत 20 वर्षों से चाय का ठेला लगाने वाले राम चरण शुक्ला ने महापौर पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने जनसंपर्क भी शुरू कर दिया है। उन्हें वोट मिलें या नहीं, लेकिन आम लोगों का ध्यान खींचने में जरूर सफल हो रहे हैं। रामचरण की मानें तो विगत 20 वर्षों से वे चाय का ठेला लगा रहे हैं। इसके चलते शहर की 70% जनता से उनका सीधा संपर्क होता है। अब वह दुकान में चाय पीने आने वाले लोगों से वोट की अपील कर रहे हैं।
मोदी के नाम का सहारा
रामचरण शुक्ला लगभग 35 वर्षों से सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े रहे हैं, लेकिन महापौर पद के लिए निर्दलीय मैदान में उतरे हैं। शुक्ला का कहना है कि जब नरेंद्र मोदी पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे, तभी से उनके मन में राजनीति में उतरने की इच्छा हिलोरें मारने लगी थी। उन्होंने सोचा कि यदि चाय वाला देश का प्रधानमंत्री बन सकता है तो वे महापौर क्यों नहीं चुने जा सकते।