बुधवार दोपहर तीन बजे तक नाम वापसी का समय था। इससे पहले तक संगठन के नेता बागियों से संपर्क करने की कोशिश करते रहे, लेकिन उनका कोई अता-पता नहीं था। जैसे ही नामांकन वापसी का समय खत्म हुआ, सभी एक साथ सामने आए और उन्होंने विक्ट्री निशान दिखाकर बगावत का ऐलान कर दिया ।
अध्यक्ष नहीं करा पाए नामांकन वापस
नामांकन वापसी के आखिरी दिन जिला भाजपा संगठन की रणनीति नाकामयाब रही। संगठन की ओर से जिला अध्यक्ष को असंतुष्टों को मनाने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन वे किसी भी बागी प्रत्याशी का नामांकन वापस नहीं करा पाए। अब पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
अंतिम समय में टिकट कटने से बढ़ी नाराजगी
बगावत का कारण यह है कि बीजेपी की ओर से जितेंद्र शाह का नाम मेयर पद के लिए करीब-करीब तय था, लेकिन अंतिम समय में अनंत धुर्वे को उम्मीदवार बना दिया गया। इससे नाराज जितेंद्र शाह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। उन्होंने अपने समर्थकों को भी सभी 38 वार्ड से पार्षद पद के लिए निर्दलीय मैदान में उतार दिया।