Prabhasakshi Newsroom | Gambia की तरह Uzbekistan में 18 बच्चों की मौत, भारतीय Cough Syrup से जुड़े तार

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नयी दिल्ली। गाम्बिया के अधिकारियों द्वारा भारत में बनी खांसी की दवाई से बच्चों की 70 मौतों को जोड़ने के दो महीने बाद अब उज़्बेकिस्तान ने आरोप लगाया है कि मध्य एशियाई देश में एक अन्य भारतीय दवा निर्माता द्वारा बनाए गए सिरप के सेवन से 18 बच्चों की मौत हो गई है। उज़्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, अब तक, भारतीय कंपनी मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित डॉक्टर -1 मैक्स सिरप लेने के परिणामस्वरूप तीव्र श्वसन रोग वाले 21 बच्चों में से 18 की मौत हो गई है। यह पाया गया कि मृत बच्चों ने अस्पताल में भर्ती होने से पहले इस दवा को घर पर 2-7 दिनों के लिए दिन में 3-4 बार, 2.5-5 मिलीलीटर लिया, जो बच्चों के लिए दवा की मानक खुराक से अधिक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने इस घटना पर डीएच के सवालों का जवाब नहीं दिया। फिर भी, उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री मानुष मंडाविया के समक्ष एक फाइल रखी गई थी, जो रसायन और उर्वरक मंत्री के रूप में फार्मास्यूटिकल्स विभाग के प्रमुख भी हैं। नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक ने भी फोन कॉल का जवाब नहीं दिया।
 

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उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की कथित तौर पर एक भारतीय कंपनी द्वारा निर्मित खांसी की दवा पीने से हुई मौत के मामले में जांच शुरू कर दी है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि इन बच्चों ने नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित खांसी के सिरप ‘डॉक-1 मैक्स’ का सेवन किया था। मैरियन बायोटेक के कानूनी मामलों का प्रतिनिधित्व करने वाले हसन हैरिस ने कहा कि दोनों देशों की सरकारें इस मामले की जांच कर रही हैं और पूछताछ कर रही हैं। हैरिस ने कहा, ‘‘हमारी ओर से कोई समस्या नहीं है और जांच में कोई गड़बड़ नहीं है। हम पिछले 10 वर्ष से काम कर रहे हैं।
 

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‘डॉक-1 मैक्स’ बनाने वाली कंपनी की जांच शुरू
सरकार की रिपोर्ट आने के बाद हम इस पर गौर करेंगे। फिलहाल (दवा का) निर्माण बंद हो गया है।’’ मंत्रालय के मुताबिक, प्रयोगशाला में जांच के दौरान सिरप के एक बैच में रासायनिक एथिलीन ग्लाइकोल पाया गया। सूत्रों ने कहा कि भारत के औषधि महानियंत्रक ने उज्बेक नियामक से घटना के संबंध में और जानकारी मांगी है। उत्तर क्षेत्र की केंद्रीय औषधि नियामक टीम और राज्य औषधि नियामक टीम ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया, जिसमें दवाओं के नमूने भी लिए गए।
गाम्बिया में भी गयी थी खांसी की दवा पीने से 70 बच्चों की जान 
गाम्बिया में इस साल की शुरुआत में 70 बच्चों की मौत को हरियाणा स्थित मेडेन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित खांसी के सिरप से जोड़ा गया था, जिसके बाद हरियाणा स्थित इकाई को विनिर्माण मानकों के उल्लंघन के लिए बंद कर दिया गया था। बहरहाल, बाद में एक सरकारी प्रयोगशाला में जांच के बाद नमूने नियमों के अनुसार पाए गए।



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