Parliament Diary: हंगामे की भेंट चढ़ा संसद का बजट सत्र, लोकसभा और राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

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13 मार्च से शुरू हुआ संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण इस जबरदस्त तरीके से हंगामेदार रहा। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। हंगामे की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही में बार-बार व्यवधान हुआ। संसद के बजट सत्र का यह दूसरा चरण बिल्कुल भी नहीं चल सका। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू हुआ था। दूसरा चरण 6 अप्रैल तक निर्धारित था। हालांकि, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच लगातार विवाद की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही। एक ओर संसद के बजट सत्र के दौरान सत्तापक्ष ने राहुल गांधी के लोकतंत्र वाले बयान को बड़ा मुद्दा बनाया। तो वहीं अडानी मामले को लेकर विपक्ष लगातार जेपीसी की मांग पर अड़ा रहा। सत्ता पक्ष का आरोप रहा के विपक्ष सदन को चलने नहीं दे रहा है। तो वहीं विपक्षी नेता साफ तौर पर कहते रहे कि सदन को चलाना सरकार की जिम्मेदारी है।
 

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राज्यसभा में करीब 104 घंटे चढ़े हंगामे की भेंट
राज्यसभा का 259वां सत्र बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया और सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण 103 घंटे 30 मिनट का कामकाज बाधित रहा। सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने उच्च सदन में विभिन्न मुद्दों पर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के हंगामे के कारण लगातार गतिरोध कायम रहने पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों के मन में एक वर्ग के रूप में हम तिरस्कार और उपहास का विषय हैं।’’ उच्च सदन में बजट सत्र के पहले चरण में 56.3 प्रतिशत कामकाज हुआ जबकि दूसरे चरण में यह महज 6.4 प्रतिशत रहा। इस प्रकार सत्र में संयुक्त रूप से महज 24.4 प्रतिशत कामकाज हुआ। दूसरे चरण के दौरान जम्मू कश्मीर के बजट और वित्त विधेयक 2023 को हंगामे के बीच बिना चर्चा के लोकसभा को लौटाया गया।
 

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लोकसभा की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
लोकसभा की बैठक बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। बजट सत्र के दौरान सदन में कुल 45 घंटे 55 मिनट कामकाज हुआ। बजट सत्र का दूसरा हिस्सा हालांकि विपक्ष की अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग और लोकतंत्र को लेकर लंदन में राहुल गांधी द्वारा की गई एक टिप्पणी पर सत्ता पक्ष द्वारा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष से माफी मांगने पर जोर देने के कारण हुए हंगामे की भेंट चढ़ गया। बिरला ने कहा कि 17वीं लोकसभा के 11वें सत्र की शुरूआज 31 जनवरी को हुई जिस दिन राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अभिभाषण दिया। इस पर 13 घंटे 44 मिनट तक चर्चा चली और प्रधानमंत्री ने इसका जवाब दिया। सभा ने सर्वसम्मति से अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को पारित किया। उन्होंने बताया कि इस सत्र के दौरान सदन में लगभग 45 घंटे 55 मिनट तक कामकाज हुआ। लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि वित्त मंत्री ने एक फरवरी को वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया। सदन में इस पर 14 घंटे और 45 मिनट तक चर्चा हुई और वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) ने इसका जवाब दिया। 



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