महाराष्ट्र विप में विपक्ष ने महापुरुषों के ‘अपमान’ का मुद्दा उठाया

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महाराष्ट्र विधान परिषद में राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मंत्री चंद्रकांत पाटिल और कुछ अन्य नेताओं द्वारा हाल में की गई कथित विवादित टिप्पणियों के मुद्दे पर मंगलवार को हंगामा देखने को मिला।
इस मुद्दे पर हंगामा और कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा उन्हें निशाने पर लिए जाने के बाद विधान परिषद की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

विधान परिषद में चर्चा की शुरुआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष अम्बादास दानवे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर, कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल की समाज सुधारक भीमराव आम्बेडकर और ज्योतिबाफुलेको लेकर और कुछ अन्य नेताओं की कथित टिप्पणियों पर आपत्ति जताई।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट के नेता अनिल परब ने कहा, ‘‘छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र की महानतम हस्ती हैं। सरकार को उत्तर प्रदेश की तरह महापुरुषों का बेतुके बयानों के जरिये अपमान करने वालों को दंडित करने के लिए विधेयक लाना चाहिए।’’

इसका जवाब देते हुए उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के गुजरने के दौरान विनायक दामोदर सावरकर पर की गई टिपप्णी का संदर्भ दिया।
राहुल गांधी ने कहा था कि सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी और तत्कालीन ब्रिटिश शासकों को माफी के लिये अर्जी दी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य है कि दानवे और अनिल परब जैसे शिवसेना नेताओं ने राहुल गांधी के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोला, जिन्होंने सावरकर का कथित तौर पर अपमान किया। क्यों शिवसेना की ओर से किसी ने राहुल गांधी के शब्दों की निंदा की?’’

फडणवीस के बयान से नाराज कांग्रेस के विधान पार्षदों (एमएलसी) ने उप सभापति नीलम गोरहेसे हस्तक्षेप करने की मांग की, लेकिन उन्होंने फडणवीस को रोकने से इनकार कर दिया।
फडणवीस ने कहा, ‘‘ मैं किसी भी अपमानजनक और मानहानि करने वाली टिप्पणी के खिलाफ हूं, लेकिन चुनिंदा लोगों को निशाना बनाने को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कोई समस्या नहीं है, अगर आप सावरकर को भारत रत्न नहीं दें, लेकिन कम से कम उनका अपमान बंद करें।’’

फडणवीस ने कहा कि विपक्ष सदन में एकतरफा तस्वीर पेश कर रहा है।
फडणवीस ने कहा, ‘‘शिवाजी महाराज के वशंज व सतारा से सांसद (राज्यसभा सदस्य) उदयनराजे भोसले ने सबसे पहले विधेयक (महापुरुषों का अपमान करने वालों को दंडित करने के लिए कानून)की मांग उठाई थी। शिवसेना के संजय राउत ने उदयनराजे से छत्रपति शिवाजी महाराज का वंशज होने का सबूत मांगा था।’’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सदस्य अमोल मितकारी ने पार्टी प्रमुख शरद पवार की तुलना भगवान विट्ठल से की थी।

फडणवीस ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट की नेता सुषमा अंधारे के बयान को भी पढ़ा और कहा कि वे हिंदू देवताओं का ‘अपमान’ कर रहे हैं।
उन्होंने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता के राहुल कनाल के ट्वीट का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने तस्वीर से छेड़छाड़ कर युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे को छत्रपति शिवाजी महाराज के रूप में दिखाया था।

उप मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव द्वारा ठाकरे परिवार के खिलाफ दिए गए बयान की याद दिलाते हुए आदित्य ठाकरे की उनके (राजद प्रमुख) बेटे और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से पटना में हुई मुलाकात की आलोचना की।
सावरकर के खिलाफ टिप्पणी को लेकर जब फडणवीस राहुल गांधी पर निशाना साध रहे थे, तब सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच जुबानी जंग चल रही थी।
सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों की नारेबाजी के बीच उप सभापति नीलम गोरहे ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।



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